बिहार विधानसभा चुनाव में बेहद शर्मनाक प्रदर्शन करने वाली जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर का बुधवार (19 नवंबर) को बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने का उनका फैसला गलती माना जा सकता है.

Continues below advertisement

प्रशांत किशोर ने ये स्वीकार किया है कि उन्हें यह उम्मीद नहीं थी कि उनकी पार्टी को चार प्रतिशत से कम वोट मिलेंगे. हाल में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों में जन सुराज पार्टी एक भी सीट जीतने में नाकाम रही.

'चुनाव नहीं लड़ना मेरी गलती'

एक न्यूज़ चैनल को दिए इंटरव्यू में प्रशांत किशोर ने कहा, "चुनाव नहीं लड़ने का मेरा फैसला गलती माना जा सकता है. संतोषजनक परिणाम पाने के लिए हमें अभी बहुत काम करना है. मुझे कभी उम्मीद नहीं थी कि हमारी पार्टी को चार प्रतिशत से कम वोट मिलेंगे."

Continues below advertisement

'बिहार जीते बिना पीछे नहीं हटूंगा'

पूर्व चुनावी रणनीतिकार ने यह भी कहा कि बिहार में जीत हासिल करने की उनकी कोशिश जारी रहेगी. उन्होंने कहा कि बिहार जीते बिना मैं पीछे नहीं हटूंगा. इसमें कितना समय लगेगा, मैं नहीं जानता.

'25 सीटों पर सिमट जाती जदयू'

इससे पहले मंगलवार (18 अक्टूबर) को प्रशांत किशोर ने यह भी दावा किया था कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड (जदयू) को सिर्फ 25 सीटों पर सीमित रहना पड़ता, अगर उनकी सरकार ने विधानसभा चुनाव से ठीक पहले हर विधानसभा क्षेत्र में 60,000 से अधिक लाभार्थियों को 10,000 रुपये नहीं दिए होते और पूरे राज्य की 1.5 करोड़ महिलाओं को स्व-रोजगार योजना के तहत दो लाख रुपये देने का वादा नहीं किया होता.

प्रशांत किशोर ने कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार ने जनता के पैसों से 40,000 करोड़ रुपये की घोषणाएं की और चुनाव से ठीक पहले बड़ी राशि बांटी गई. इससे पहले उन्होंने ये भी कहा था कि बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों से परेशान हैं और परिणाम के बाद से वह ठीक से सो नहीं पा रहे हैं.