जन सुराज पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के खिलाफ तत्काल कार्रवाई का अनुरोध किया है. जन सुराज की ओर से मंगलवार (30 सितंबर, 2025) को यह जानकारी दी गई. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय सिंह ने अपने पत्र में लिखा है कि सम्राट चौधरी ने लौना परसा नरसंहार केस में गलत दस्तावेज पेश कर खुद को नाबालिग बताया और जेल से रिहा हुए. इनका उच्च पद पर बने रहना कानून के राज में जनता का विश्वास कम करेगा.

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पार्टी के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने बीते सोमवार (29 सितंबर, 2025) को ही प्रेस कांफ्रेंस कर कहा था कि इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री को पत्र लिखा जाएगा. उदय सिंह ने अपने पत्र में कहा है कि सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार सम्राट चौधरी का नाम 28 मार्च 1995 को हुए लौना परसा नरसंहार (केस संख्या 44/1995, थाना तारापुर) में अभियुक्त के रूप में दर्ज है, जिसमें कुशवाहा समुदाय के छह लोगों की हत्या हुई थी. इस मामले में सम्राट चौधरी सहित छह अन्य अभियुक्तों को जेल भेजा गया था. उनकी जमानत दो बार खारिज हुई थी. उन्होंने मैट्रिक के प्रवेश पत्र के आधार पर अपनी उम्र 15 वर्ष साबित की और नाबालिग का दर्जा पाकर रिहा हो गए.

'संकेत है कि गलत डॉक्यूमेंट…'

उदय सिंह ने कहा, "चुनावी हलफनामों में उन्होंने (सम्राट चौधरी) अपना जन्मवर्ष 1969 बताया, जिससे 2020 में उनकी उम्र 51 वर्ष हो जाती है. इससे यह स्पष्ट है कि सन 1995 में उनकी उम्र 26 वर्ष थी, यानी वे नाबालिग नहीं थे. यह विरोधाभास इस बात का भी संकेत है कि गलत डॉक्यूमेंट पेश कर उनकी जेल से रिहाई कराई गई. इस प्रकार के व्यक्ति का उच्च पद पर बना रहना न केवल शासन की गरिमा को ठेस पहुंचाता है, बल्कि कानून के राज और लोकतांत्रिक संस्थाओं में जनता का विश्वास भी कम करता है."

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पीएम मोदी से अनुरोध करते हुए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि सम्राट चौधरी को तत्काल मंत्री पद से बर्खास्त करें और कानून को अपना स्वाभाविक मार्ग अपनाने दें ताकि इस नरसंहार के पीड़ितों को न्याय मिल सके. उन्होंने कहा, "मुझे पूर्ण विश्वास है कि आपके नेतृत्व में ऐसे मुद्दों को उचित गंभीरता एवं सत्य, न्याय एवं सार्वजनिक जीवन में जवाबदेही की भावना के साथ सुलझाया जाएगा."