मुजफ्फरपुर: देश भर में महिला आरक्षण बिल (Women Reservation Bill) को लेकर सिसासत गरमाई हुई है. इस बीच जन सुराज के सुत्रधार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने मंगलवार (26 सितंबर) को बयान जारी कर बड़ी बात कही है. उन्होंने कहा कि जो आंदोलन करना चाह रहे हैं उनको करने दीजिए. मेरा मानना है कि महिला आरक्षण जो लागू हुआ है वो ठीक है. इसमें कहीं कोई दिक्कत नहीं है. आंदोलन करने वाले जो बेवकूफ लोग हैं. उनको न महिला आरक्षण से मतलब है, न महिलाओं की स्थिति से. उनको मतलब है कि इसमें राजनीति होती रहे और कुछ न कुछ करके इसमें अपनी रोटी सेंकते रहें.


प्रशांत किशोर मरवान प्रखंड के बसंतपुर गांव में पत्रकारों से बात कर रहे थे. उन्होंने कहा कि जो लोग आज कह रहे हैं कि महिला आरक्षण में ओबीसी के लिए आरक्षण अलग से होनी चाहिए, ठीक है पहले आरक्षण आने दीजिए फिर अलग से ओबीसी के लिए भी आरक्षण लागू कर दीजिएगा.


महिला आरक्षण में ओबीसी आरक्षण के लिए तेजस्वी यादव और नीतीश कुमार बिहार और देश में आंदोलन की रणनीति बना रहे हैं. इस मुद्दे को लेकर आंदोलन करना चाहिए या नहीं? इस सवाल पर पीके ने कहा कि आरजेडी और जेडीयू से जरा पूछिए कि आपने पार्टी में कितनी ओबीसी महिलाओं को टिकट दिया है. जो मुसलमान समाज के लोग हैं, वो बीजेपी के डर से लालटेन को वोट दे रहे. इनको न जाति से मतलब है, न काम से, मतलब है इनको सिर्फ एक चीज से कि बीजेपी हारनी चाहिए.


'जाति पर वोट पड़ता तो पीएम को कैसे वोट मिलता?'


प्रशांत किशोर ने कहा कि सिर्फ जाति पर ही पूरे बिहार में वोट पड़ता तो मोदी को बिहार में वोट कैसे मिलता. पीएम मोदी की जाति का तो बिहार में कोई नहीं रहता है जो मुसलमान समाज के लोग हैं, वो जाति पर तो वोट नहीं दे रहे हैं, वो लालटेन (RJD) को क्यों वोट दे रहे हैं. बिहार में वोट चार वजह से पड़ता है, पहला जाति है, दूसरा धर्म है, तीसरा लालू के डर से लोग बीजेपी को वोट देते हैं. चौथा जो मुसलमान समाज है वो बीजेपी के डर से लोग लालटेन को वोट देते हैं. इनको न जाति से मतलब है, न काम से, मतलब है तो सिर्फ एक चीज से कि बीजेपी हारनी चाहिए. बीजेपी के विधायक ने अगर काम नहीं भी किया है, बात नहीं सुनी है तो भी आप लालटेन के डर से बीजेपी को वोट देते हैं.


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