पटना: बिहार की राजधानी पटना स्थित बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन सोसाइटी कार्यालय के बाहर बुधवार को हाई वॉल्टेज ड्रामा चला. अपनी पांच सूत्री मांगों को लेकर पहुंचे अनियोजित कार्यपालक सहायक अभियर्थियों ने कार्यालय में पहुंचकर आत्मदाह करने का प्रयास किया. इधर, हंगामे की सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने एक अभ्यर्थी को गिरफ्तार किया. जबकि बाकी को लाठीचार्ज करते हुए मौके पर से खदेड़ दिया. 


इस बात को लेकर अभ्यर्थी हैं नाराज


दरअसल, बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन सोसाइटी की दिशानिर्देश पर 2 जुलाई, 2018 में जारी पत्रांक-910 के आलोक में बिहार के सभी जिलों में जिलाधिकारी द्वारा आयोजित परीक्षा के बाद अनियोजित कार्यपालक सहायक को पंचायतों में डिप्यूट कराने के लिए पैनल का निर्माण किया गया था. इसमें लगभग दस हजार अभ्यर्थी  पैनल में आ चुके थे, जिसमें 50 प्रतिशत यानी लगभग पांच हजार अभ्यर्थियों का नियोजन कर लिया गया था.


हालांकि, शेष बचे अभ्यर्थियों के नियोजन की प्रक्रिया पर रोक लगा दी गई थी. एक साल तक कोविड की वजह से नियोजन नहीं हो पाया. अभ्यर्थियों ने बताया कि वे कई बार बीपीएसएम के पदाधिकारी के पास गुहार लगा चुके हैं, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. परेशानी को लेकर वे मुख्यमंत्री के जनता दरबार में गए, जहां मुख्यमंत्री द्वारा मौखिक आदेश भी दिया गया. लेकिन वहां से भी उन्हें न्याय नहीं मिल पाया.


फिर से परीक्षा को तैयार नहीं अभ्यर्थी


अभ्यर्थियों ने बताया कि बीपीएसएम के अधिकारियों द्वारा कहा जाता है कि बेल्ट्रॉन से परीक्षा पास कर और उसके पैनल से शेष बचे अभियर्थियों का नियोजन किया जाएगा. लेकिन चयनित अभ्यर्थी ये मानने को तैयार नहीं है. अभ्यार्थियों ने कहा कि अभी पंचायतों में 8000 से ज्यादा कार्यपालक सहायक की आवश्यकता है और वे मात्र तीन से चार हजार अभ्यर्थी ही बचे हुए हैं. इस तरह पंचायत में उन सभी का नियोजन आसानी से किया जा सकता है. परीक्षा लेने की जरूरत नहीं है. 


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