पटना: बिहार में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है. इस मामले पर भारी बवाल खड़ा हुआ है. सूत्रों के अनुसार आईपीएस आदित्य कुमार (IPS Aditya Kumar) ने अपने ऊपर शराबबंदी से जुड़े केस को खत्म कराने के लिए अपने दोस्त अभिषेक अग्रवाल को हाईकोर्ट (High Court) का फर्जी चीफ जस्टिस बना दिया था. सूत्रों की मानें तो हाईकोर्ट का फर्जी चीफ जस्टिस बनने के बाद अभिषेक अग्रवाल ने डीजीपी एसके सिंघल (DGP Bihar) को 40-45 बार कॉल किया. कॉल करके आदित्य कुमार के केस को खत्म करने की हर बार मांग की.


बार बार डीजीपी को कॉल करके करते थे एक ही मुद्दे पर बात


अभिषेक अग्रवाल हाईकोर्ट का फर्जी चीफ जस्टिस बनकर डीजीपी से हर बार एक ही मुद्दे पर बात करता था. मुद्दा आईपीएस आदित्य कुमार से जुड़ा हुआ था. इस मामले में पैरवी के लिए अभिषेक अग्रवाल लगातार डीजीपी पर दबाव बना रहा था. आदित्य कुमार को क्लीन चिट देने का दबाव बनाता था. बार बार कॉल आने पर डीजीपी को संदेह हुआ कि कुछ गड़बड़ है. उन्होंने जांच आर्थिक अपराध इकाई को सौंपी. जांच शुरू हुई तो टीम के भी होश उड़ गए. जांच में आईपीएस आदित्य कुमार से जुड़ा पूरा मामला सामने आ गया. इस मामले में आर्थिक अपराध इकाई ने आदित्य कुमार सहित उनके दोस्त अभिषेक अग्रवाल और अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया है. 


ढेरों फर्जी सिम कार्ड और नौ मोबाइल के साथ चार लोग हुए हैं गिरफ्तार 


बताया जाता है कि आईपीएस आदित्य फरार हैं. अभिषेक अग्रवाल समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इनके पास से ढेरों फर्जी सिम कार्ड और नौ मोबाइल बरामद हुए हैं. पूछताछ में अभिषेक अग्रवाल ने कई बड़े खुलासे किए. अभिषेक ने बताया कि वो एक आईपीएस अफसर को बचाने के लिए चीफ जस्टिस बनकर डीजीपी को फोन करता था. अभिषेक अग्रवाल ने अपना गुनाह कबूल लिया. पूछताछ में अभिषेक ने बताया कि उसकी मुलाकात आईपीएस अधिकारी से कहां-कहां होती थी. पूछताछ में खुलासा हुआ है कि डीजीपी एसके सिंघल पर रौब दिखाने के लिए अभिषेक अग्रवाल ने व्हाट्सएप पर चीफ जस्टिस तक की फोटो वाली डीपी लगाई थी. 


जालसाजी के कई मामले में आरोपी है अभिषेक अग्रवाल


अभिषेक अग्रवाल पर बिहार में जालसाजी के कई मामले दर्ज हैं. गया में एसएसपी रहते आईपीएस आदित्य कुमार पर मद्य निषेध से संबंधित मामले में लापरवाही बरतने के आरोप लगे थे. बाद में उन्हें गया एसएसपी के पद से हटा दिया गया. गया के फतेहपुर थाना में केस हुआ था. आरोप था कि गया के बतौर एसएसपी अपने कार्यकाल के दौरान आदित्य कुमार ने शराब मामले में ठोस कार्रवाई नहीं की थी. शराबबंदी से जुड़े इस मामले को खत्म करवाने के लिए अपने दोस्त अभिषेक अग्रवाल का सहारा लिया.


आईपीएस आदित्य कुमार पर होगी कार्रवाई


इस पूरे मामले पर बिहार पुलिस मुख्यालय में एडीजी जेएस गंगवार का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि आदित्य कुमार इस पूरे प्रकरण में नामजद अभियुक्त हैं. अभी तक चार अभियुक्त गिरफ्तार हुए हैं. उनसे पूछताछ हुई है. इसके बाद अब तक जो अनुसंधान आर्थिक अपराधिक इकाई द्वारा किया गया है उससे स्पष्ट होता है कि आदित्य कुमार ने षड्यंत्र में भूमिका निभाई है. आर्थिक अपराध इकाई आईपीएस आदित्य कुमार को प्रथम दृष्ट्या आरोपित मानकर आगे की कार्रवाई करेगी.


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