पटना: बिहार की राजधानी पटना के राजीव नगर इलाके में प्रशासन द्वारा की गई कार्रवाई पर पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) में बुधवार को सुनवाई हुई. इस दौरान कोर्ट ने बिजली, पानी जैसा मूलभूत सुविधा तत्काल उपलब्ध कराने का आदेश दिया है. साथ पिछले 25 वर्षों से अब तक पदस्थापित सभी अंचल अधिकारी, थानाध्यक्ष और आवास बोर्ड के अधिकारियों का सूची न्यायालय को सौंपने को कहा है. पटना उच्च न्यायालय ने कहा कि राजीव नगर इलाके में जमीन बेचने वाले निराला कोआपरेटिव एवं अन्य के निर्देशक को हिरासत में लेकर पूछताछ की जाए और उनके विरूद्ध लंबित सभी मामले का जांच की जाए. इस पर अगली सुनवाई 14 जुलाई को होगी. तब तक यथास्थिति बरकरार रखा जाए.

पटना हाईकोर्ट ने प्रशासन से पूछा कि अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई रविवार को क्यों की गई? क्या प्रशासन रविवार को काम करता है? हाईकोर्ट ने कहा कि वहां रह रहे किसी भी नागरिक को तंग न किया जाए. साथ ही नागरिकों की बिजली और पानी की सेवाएं बहाल की जाए. कोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि किसी को बिना व्यक्तिगत नोटिस दिए ही जिला प्रशासन ने कार्रवाई की है. साथ ही कोर्ट ने कहा कि जब पुलिस और अधिकारियों की नाक के नीचे अतिक्रमण हो रहा था तो उस समय यह कार्रवाई क्यों नहीं की गई? कोर्ट ने अगली सुनवाई में पटना के डीएम, सीओ सदर, हाउसिंग बोर्ड के एमडी व एस्टेट ऑफिसर को उपस्थित रहने को कहा है.

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राजीव नगर में बुलडोजर एक्शन पर हुआ था बवाल

बता दें कि रविवार को पटना जिला प्रशासन की टीम बुलडोजर के साथ राजीव नगर के नेपाली नगर पहुंची थी और वहां बने अवैध मकानों को गिराना शुरू कर दिया था. इससे भड़के स्थानीय लोगों ने बवाल मचाते हुए जमकर हंगामा किया. इस दौरान स्थिति तनावपूर्ण हो गई थी, जिसपर काबू पाने के लिए पुलिस टीम को बल का प्रयोग करना पड़ा था. इस दौरान पटना के सिटी एसपी जख्मी हो गए थे. वहीं, सोमवार को प्रशासन की टीम फिर से कार्रवाई करने पहुंची थी, लेकिन हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए रोक लगा दी थी.

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