संसद के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन (मंगलवार) सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सांसदों ने "वोट चोर, गद्दी छोड़" के नारे लगाए. एसआईआर का मुद्दा उठाया और लोकसभा में इस पर चर्चा की मांग की. एसआईआर को लेकर विपक्ष की ओर से जारी बवाल पर एलजेपी (रामविलास) की सांसद शांभवी चौधरी ने बड़ा बयान दिया है.

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शांभवी चौधरी ने कहा, "एसआईआर का पैच टेस्ट बिहार में हो चुका है और बहुत खूबसूरती से लोकतंत्र को चुनाव आयोग ने मजबूत करने का काम किया है और भारतवासी का जो मतदान करने का अधिकार उसको मजबूत करने का काम किया है. पिछले सत्र में भी हमने देखा था ये एसआईआर मुद्दे पर सदन चलने नहीं दिया था और उसके बाद बिहार चुनाव हुआ और उसमें विपक्ष को करारा जवाब दिया गया, लेकिन उसके बाद भी इनके नजरिया में कोई बदलाव नहीं आया है... ये लोग सदन का समय बर्बाद कर रहे हैं."

संजय झा बोले- बिहार से बड़ा उदाहरण नहीं हो सकता

इस विवाद पर जेडीयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय कुमार झा ने कहा, "एसआईआर अभी तक बिहार में हुआ था और तो देश में कही नहीं हुआ तो बिहार से बड़ा उदाहरण तो कही नहीं हो सकता है इसलिए एसआईआर के लिए पूरा सदन वॉशआउट हो गया और बिहार में एक भी शिकायत आई हो कि उनका नाम वोटर लिस्ट से काटा गया हो. एसआईआर के बाद इतना बड़ा चुनाव बिहार में हुआ… बिहार में एक महीने में एसआईआर हुआ. बिहार में विपक्ष के नेता इतनी बड़ी यात्रा निकाले तो उनका क्या हाल हुआ वो तो सबने देखा..."

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बीजेपी सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा, "एसआईआर का मुद्दा पिछले सत्र में भी उठाया गया था इतनी बड़ी बिहार में इनकी हार हुई और एक इंसान ने शिकायत नहीं किया कि वोट काटे गए हैं… कांग्रेस कुछ तो शर्म करो इतनी बड़ी हार के बाद भी यहां पर खड़े हो… ये कहानी कहां से आ रही है ये इसलिए आ रही क्योंकि बंगाल में घुसपैठियों को बचाने की कोशिश चल रही है ताकि बंगाल में घुसपैठिए उनकी सरकार को वोट दें. ये है बड़े सवाल… ये लोग संसद का समय बर्बाद करते हैं..."

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