पप्पू यादव की नीतीश कुमार से अपील- अधिकारियों का साथ छोड़ दें, नायक की भूमिका में आएं
पप्पू यादव ने कहा, " मैं आग्रह करता हूँ कि ये वक़्त पप्पू यादव को मारने का नहीं है, ये वक्त मिलकर काम करने का है. मुझे जेल और अस्पताल में रखकर कोरोना पॉजिटिव करने का कोई फायदा नहीं है. प्लीज हमें समझें. मैं अंतिम व्यक्ति तक को बचाने का प्रयास करूंगा."

दरभंगा: बिहार के दरभंगा जिले के डीएमसीएच में भर्ती जाप सुप्रीमो पप्पू यादव ने शनिवार को एबीपी न्यूज से बातचीत की. बातचीत के दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अपील की, कि वे अधिकारियों का साथ छोड़ दें. ये 'चांडाल चौकड़ी' अधिकारी उन्हें बरगला रहे हैं और सरकार के लिए काम करने वाले पप्पू यादव जैसे भाई दूर कर रहे हैं.
पप्पू यादव ने कहा, " नीतीश जी चौथी बार आप मुख्यमंत्री बने हैं. तीन बार आपने क्या किया उसपर मुझे बात नहीं करनी. लेकिन अब आप बिहार के विकास के लिए खुद को झोंक दीजिये और नायक की भूमिका में आइए. अपने चांडाल चौकड़ी पदाधिकारियों के घेरे से निकलिए, जो मेरे जैसे भाइयों से आपसे दूर कर देता है. मैं एक अच्छा भाई हूं और आपका शुभचिंतक हूं."
सीएम नीतीश कुमार को बरगला रहे अधिकारी
पप्पू यादव ने कहा, " मैं सरकार का काम कर रहा था, उसकी आलोचना नहीं कर रहा था. आपकी जो नीति है, उसके अनुसार ही मैं काम कर रहा था. लेकिन कुछ लोग जो आपके साथ रहते हैं, जो छपरा के हैं और रुडी जी के प्रिय हैं, जो आकूत पैसे कमा चुके हैं, ये आपको बरगलाते हैं. पप्पू यादव था तो आपकी आंखें खोलता था, सरकारी अस्पतालों की कुव्यवस्था से पर्दा उठाता था. लेकिन अब ऐसा नहीं हो रहा. "
उन्होंने कहा, " मैं आग्रह करता हूँ कि ये वक़्त पप्पू यादव को मारने का नहीं है, ये वक्त मिलकर काम करने का है. मुझे जेल और अस्पताल में रखकर कोरोना पॉजिटिव करने का कोई फायदा नहीं है. प्लीज हमें समझें. मैं अंतिम व्यक्ति तक बचाने का प्रयास करूंगा."
मरने से नहीं डरते पप्पू यादव
पप्पू यादव ने कहा, " जिस केस में मैं हूं ही नहीं, उस केस की वजह से मुझे तंग किया जा रहा है. उस वजह से मुझे मारने की कोशिश की जा रही है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जिस केस में फिलहाल जरूरत नहीं है, उसे जेल ना भेजा जाए. मुझे जेल भेजकर क्या मिला? मैं मरने से नहीं डरता अगर ऐसा होता तो कोरोना काल में बाहर नहीं निकलता."
उन्होंने जनता से अपील की, कि वे आवाज उठाएं, क्योंकि चुप्पी कभी-कभी घातक साबित होती है. वो सत्तापक्ष और विपक्ष की भूमिका को पहचाने. अभियान जो शुरू की है, वो न रुके उसके लिए उन्हें खड़ा होना होगा.
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