Bihar News: पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने देश को झकझोर कर रख दिया है. बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने सरकार से प्रभावी कदम उठाने की अपेक्षा जताई. उन्होंने कहा कि देश को प्रधानमंत्री मोदी पर पूरा विश्वास है. राज्यपाल नवादा में धर्म और शासन व्यवस्था पर सभा को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने लोकतंत्र को सभी शासन प्रणालियों में सर्वश्रेष्ठ बताया. राज्यपाल ने कहा, "गेरुआ रंग त्याग का प्रतीक है. स्वार्थ छोड़कर परमार्थ को अपनाने वाला व्यक्ति बेहतर बनता है."
भगवान राम का उदाहरण देते हुए राज्यपाल ने कहा, "सत्ता निश्चित समय के लिए आती है. आम जनता सत्ता की मालिक है. जनप्रतिनिधियों को 5 वर्षों के लिए सेवा का अवसर मिलता है." उन्होंने महाभारत से पांडवों के संघर्ष और कुंती के ज्ञान का भी उल्लेख किया. राज्यपाल ने 'धर्मेते ध्यानम बुद्धिह' श्लोक का उदाहरण देते हुए भारतीय संस्कृति में विद्यार्थी धर्म, गुरु-शिष्य धर्म की महत्ता बताई. खान ने कहा कि धर्म वह है जो समाज को एकजुट रखे. सभी का सम्मान करना और गरीब-कमजोर को आदर से जीने देना धर्म है.
वेद मर्यादित जीवन जीने की है सीख- राज्यपाल
उन्होंने कहा, "भारतीय संस्कृति आत्मा के बंधन को मानती है और सभी जीवों पर दया का भाव रखती है. वेद मर्यादित जीवन जीने की सीख देती है." राज्यपाल के अनुसार जीवन का उद्देश्य आनंदित रहना है. उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान में पौराणिक कहानियों का चित्रण है. संविधान हमारी मान्यताओं और परंपराओं का केंद्र बिंदु है. राज्यपाल ने वेद से मर्यादित जीवन की सीख लेने की भी नसीहत दी.
'सभी वर्गों को समान संरक्षण देना शासक का धर्म'
शासक के कर्तव्यों पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि सभी वर्गों को समान संरक्षण देना शासक का धर्म है. राज्यपाल ने इसकी तुलना डॉक्टर से की, जो बिना भेदभाव सभी मरीजों का इलाज करता है. कार्यक्रम में उन्होंने नीतू की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे सजग प्रतिनिधि की मांगों को कोई रोक नहीं सकता. कार्यक्रम की उद्घोषक दीपशिखा को राज्यपाल ने बेटी जैसा बताया.
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