पटना: बिहार सरकार अब केवल 80 रुपये में लोगों को मछली-भात खिलाएगी. प्रधानमंत्री विशेष पैकेज योजना के तहत मत्स्य विभाग ने इस अभियान की तैयारी पूरी कर ली है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 सितंबर यानी कल इस अभियान का ऑनलाइन उद्घटान करेंगे.
उद्घाटन से पहले ट्रायल के तौर पर पटना में मछली-भात के दो काउंटर खोले गए हैं. अगर यह सफल रहा तो इसका पूरे बिहार में विस्तार किया जाएगा.
इस संबंध में कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने कहा, " प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से 10 सितंबर को बिहार में पशुपालन, मत्स्य पालन और कृषी से जुड़ी विभिन्न योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया जाएगा. इसमें सबसे बड़ी योजना प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना है, जो 107 करोड़ की परियोजना है."
प्रेम कुमार ने कहा, " फिश ऑन व्हील प्रधानमंत्री की एक अच्छी पहल है जिसके अंतर्गत अभी दो मसौढ़ी निवासी का चयन किया गया है और उन्हें कल गाड़ी हैंड ओवर किया जाएगा जो शहर के विभिन्न हिस्सों में घूम-घूमकर मछली से बनने वाले विभिन्न व्यंजनों को उपलब्ध कराएंगे. ताजी मछली के व्यंजन की बिहार में काफी डिमांड है और इससे घर बैठे लोगों को काफी सुविधा होगी. उन्हें होटल नहीं जाना पड़ेगा. इसके सहारे शहरी-ग्रामीण इलाकों में भी गाड़ी लगाकर आम लोगों को उनके पसंद के मुताबिक व्यंजन उपलब्ध कराने का काम किया जाएगा.”
प्रेम कुमार ने कहा, " ये एक शुरुआत है आगे इसका विस्तार होना है. फिश ऑन व्हील की लागत दस लाख रुपये की है जिसमें 50 प्रतिशत अनुदान भी है. अभी बिहार में दो युवकों को ये दिया गया है और भविष्य में और लोगों को देने पर सरकार विचार करेगी. ये एक अच्छी योजना है और इस योजना के तहत हम बिहार के सभी जिलों में 1203 फोरव्हीलर, थ्री विहलर और टू व्हीलर से ताजी मछली भी पहुंचने का काम कर रहे हैं. इस तरह से बिहार के लोगों को घर पर ताजी मछली उपलब्ध कराई जा रहीं है.”
कृषि मंत्री ने कहा, " तो आने वाले समय में मछली से बना व्यंजन उनके दरवाजे पर उपलब्ध होगा. फीश ऑन व्हील के माध्यम से लोगों को परोसने का काम किया जाएगा. ये एक अच्छी पहल है और हम इसका स्वागत करते हैं."
इधर, फिश ऑन व्हील चला रहे प्रवीण कुमार ने बताया कि मैं मसौढ़ी प्रखंड के नादौल का निवासी हूं और ये गाड़ी मुझे नीली क्रान्ति योजना के तहत मिली है. इसकी जानकारी मुझे समाचार पत्रों से मिली जिसके बाद मैंने मत्स्य जिला पदाधिकारी से मुलाकात की और आवेदन किया. मैं पहले मत्स्य पालन का काम करता था, जिसमें मुझे बहुत कम कीमत मिलती थी. इस गाड़ी से मुझे अब मछली का अच्छा कीमत मिलेगी. इससे मैं फीश रॉल, समोसा आदि बनाकर बेंच सकूंगा. इससे अच्छी आमदनी होगी, साथ ही दो से चार लोगों को रोजगार भी मिलेगा. इसमें भविष्य उज्जवल दिखाई दे रहा है और आगे रोजगार के लिए मैं लोगों को जागरूक करूंगा."
प्रवीण कुमार ने बताया कि यह सेंट्रल गोवर्मेट की स्कीम है, जिसमें मुझे 50 प्रतिशत अनुदान मिला है. यह दस लाख का योजना है जिसमें मुझे 5 लाख रुपए केंद्र सरकार की ओर से मिला है.
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