पटना: बिहार विधानसभा के पांच दिनों के शीतकालीन सत्र के दौरान बयान से लेकर कई ऐसी घटनाएं हुईं जिसे याद रखा जाएगा. चाहे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की ओर से जनसंख्या नियंत्रण पर की गई टिप्पणी का मुद्दा हो या फिर कुछ और, लेकिन सवाल कई उठ रहे हैं. नीतीश कुमार 2005 से बिहार के मुख्यमंत्री बने हुए हैं. उनके स्वभाव, बात-विचार, बोलने की शैली से राजनीति के जानकार और आम लोग वाकिफ हैं. अब 2023 के शीतकालीन सत्र में मुख्यमंत्री के बयान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है. जानिए पांच बातें बिहार की राजनीति में हमेशा याद आएंगी.

1- मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विधान परिषद में जनसंख्या नियंत्रण पर अपनी बा रख रहे थे. इसी दौरान उन्होंने आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया जिसका वीडियो तेजी से वायरल हो गया. बिहार ही नहीं देश के लोगों ने उस वीडियो को देखा और नीतीश कुमार की आलोचना भी की.

2- नीतीश कुमार ने दूसरे दिन सदन में माफी भी मांगी, लेकिन माफी मांगने का अंदाज कुछ अलग था. ऐसा लग रहा था कि माफी मांग कर वह विरोध करने वालों पर उपकार कर रहे हैं. उससे भी हैरान करने वाली बात यह रही कि नीतीश कुमार के माफी मांगने के दौरान उनके पास बैठे उनके मंत्री विजय चौधरी काफी जोरों से हंस रहे थे.

3- अब मुख्यमंत्री के बोलचाल में काफी परिवर्तन आ गया है. सदन में वरिष्ठ नेताओं तक वह तुम-ताम से संबोधन करते हैं, जबकि विधानसभा में असंवैधानिक शब्दों का इस्तेमाल वर्जित है. नीतीश कुमार हमेशा किसी भी सदस्य को भी तुम अरे शब्द का इस्तेमाल करते हैं. बीजेपी के नेता नितिन नवीन के लिए भी कड़ी भाषा का इस्तेमाल कर चुके हैं.

4- इस सत्र में नीतीश कुमार ने पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को अपमानित किया. जीतन राम मांझी उनसे उम्र में भी बड़े हैं. राजनीति करियर में भी बड़े हैं, लेकिन उनके लिए नीतीश कुमार ने तुम-ताम जैसे शब्दों का प्रयोग किया और उन्हें अपमानित किया. माना जाता है कि यह संसद के संविधान के खिलाफ है.

5- पांचवीं बड़ी बात यह है कि नीतीश कुमार ने खुद ही सदन में अपने लिए मूर्ख शब्द का इस्तेमाल कर दिया. वे जीतन राम मांझी पर बोलते-बोलते यह कह गए कि मेरी मूखर्ता थी कि तुम्हें मैंने मुख्यमंत्री बनाया था.

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