Caste Census in Bihar: देश में जाति जनगणना कराने के फैसले के बाद सियासत भी तेज हो गई है. विपक्षी पार्टियां केंद्र सरकार के इस फैसले पर क्रेडिट लेने में लगी हैं. पटना में बुधवार (30 अप्रैल, 2025) की देर शाम तेजस्वी यादव और आरजेडी नेताओं ने पटाखा जलाकर जश्न मनाया. इस पर जेडीयू नेता और प्रवक्ता नीरज कुमार ने हमला बोला है. गुरुवार (01 मई, 2025) को एक्स पर उन्होंने अपना वीडियो बयान पोस्ट किया.

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नीरज कुमार ने कहा, "जातिगत जनगणना पर तेजस्वी यादव अपने आप को राजनीति का छुरछुरी-पटाखा साबित करना चाहते हैं. सच तो यह है कि 1989 में आपका जन्म हुआ, आपके उपनाम तरूण यादव के नाम पर फुलवरिया में जमीन लिखवाई गई. 1994 में नीतीश कुमार सदन में जातिगत जनगणना की आवाज बन गए. देश के वंचितों की आवाज, देश के अति पिछड़ा, पिछड़ा, दलित, सामान्य समुदाय, अल्पसंख्यक, सबके हित को सोचने वाला एक दूरदर्शी नेता अपने सामाजिक सोच का प्रकटीकरण कर रहा था. आपके पिता नाबालिग होने के बावजूद आपके लिए जमीन की व्यवस्था कर रहे थे." 

सबकी कलई खुल जाएगी: नीरज कुमार

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जेडीयू नेता ने कहा कि अगर जाति सर्वे बिहार में नहीं होता तो ये कैसे पता चलता कि आपके (तेजस्वी यादव) परिजन के नाम पर पटना में 43 बीघा 12 कट्ठा और 16 धुर जमीन है? जातिगत जनगणना जब देश में होगी तो कहां-कहां राजनीति में आपने काला धन का निवेश किया है सबकी कलई खुल जाएगी. 

तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए नीरज कुमार ने आगे कहा कि ये राजनीति का छुरछुरी-पटाखा बनने से बेहतर है कि सच को स्वीकार करिए कि नीतीश कुमार में वह नैतिक बल है कि उनकी तर्कशक्ति के बदौलत आज देश के अंदर जातिगत जनगणना हो रही है. नरेंद्र मोदी की सरकार और एनडीए की सरकार ने बिहार में भी जातिगत सर्वे का फैसला लिया एवं केंद्र में जातिगत जनगणना का फैसला लिया, इसलिए आपका दावा फर्जी निकला. 

तेजस्वी को चुनौती देते हुए नीरज कुमार ने कहा कि आपने जो राजनीति में संपत्ति संग्रहण किया है उसके बारे में जुबान खोलिए. दलित, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों की जमीन आपने नौकरी के नाम पर लिखवा ली और राजनीति में आप जातिगत जनगणना का श्रेय लेना चाहते हैं. 

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