जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर मंगलवार (12 अगस्त, 2025) को बक्सर पहुंचे. यहां उन्होंने दावा किया कि बिहार में इस साल नवंबर तक नीतीश कुमार की सत्ता से विदाई तय है. इस दौरान मीडिया के एक सवाल के जवाब में पीके ने कहा कि मेरा बेटा देश के सबसे अच्छे स्कूल में पढ़ता है, बिहार में नहीं पढ़ता लेकिन मैं बिहार को सुधारने के लिए संघर्ष कर रहा हूं. मैंने भी यहीं बोरा वाला सरकारी स्कूल से पढ़ाई की है. अपने दम पर आगे बढ़ा हूं. किसी से लूटकर नहीं.
'लालू-नीतीश से छुटकारा पाना प्राथमिकता'
प्रशांत किशोर ने बताया कि उनकी बदलाव यात्रा पूरे बिहार में चल रही है. आज यह यात्रा डुमरांव में भी पहुंची है. उन्होंने दावा किया कि जाति, धर्म और पार्टी की सीमाओं से ऊपर उठकर बिहार का हर वर्ग बदलाव चाहता है. लालू और नीतीश से छुटकारा पाना अब जनता की प्राथमिकता है.
'इसलिए उनके नाम हटाए जा रहे हैं'
बीजेपी और सत्तारूढ़ दल पर हमला बोलते हुए प्रशांत किशोर ने आरोप लगाया कि एसआईआर के जरिए गरीब और प्रवासी बिहारी मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से काटने की साजिश हो रही है. सरकार जानती है कि गरीब जनता शराबबंदी और भ्रष्टाचार से नाराज है और उनके खिलाफ वोट डालेगी. इसलिए उनके नाम हटाए जा रहे हैं.
प्रशांत किशोर ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर भी सवाल उठाया. कहा कि चाहे जितने नाम काट लिए जाएं, लेकिन जो मतदाता बचेंगे वही काफी हैं बीजेपी और नीतीश सरकार को हटाने के लिए. प्रशांत किशोर का यह बयान बिहार की सियासत में हलचल मचाने वाला माना जा रहा है, क्योंकि वे लगातार राज्य में बदलाव और नई राजनीति की बात कर रहे हैं. ऐसे बयानों का कितना असर होता है चुनाव के बाद देखने को मिलेगा.
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