मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार (19 सितंबर) को बिहार राज्य महिला आयोग के 24वें स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबंधित किया. उन्होंने कहा कि राज्य ने महिलाओं के सामाजिक और आर्थिक सशक्तीकरण के क्षेत्र में एक नई पहचान बनाई है. महिलाओं के अधिकारों की रक्षा और उनकी स्थिति में सुधार के लिए राज्य सरकार लगातार प्रयासरत है.
मुख्यमंत्री ने अपने आधिकारिक 'एक्स' पोस्ट में लिखा, "बिहार ने महिलाओं के सामाजिक और आर्थिक सशक्तीकरण में एक मिसाल कायम की है. आत्मविश्वास और आत्मसम्मान में बढ़ोतरी इसका जीता-जागता उदाहरण है।"
स्मारिका और नई वेबसाइट का विमोचन
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आयोग की एक स्मारिका का विमोचन किया और आयोग की नई वेबसाइट की शुरुआत भी की. उन्होंने कहा कि यह डिजिटल पहल महिलाओं तक पहुंचने और उनकी समस्याओं के समाधान में तेजी लाने में मदद करेगी.
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष का संबोधन
कार्यक्रम में राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर भी मौजूद रहीं. उन्होंने कहा कि यह स्थापना दिवस केवल संस्था के इतिहास में एक मील का पत्थर नहीं है, बल्कि यह महिलाओं के अधिकारों और सम्मान की रक्षा के लिए बिहार की प्रतिबद्धता का प्रतीक भी है. रहाटकर ने कहा, "आयोग की स्थापना महिलाओं की आवाज उठाने, न्याय सुनिश्चित करने और जरूरत पड़ने पर उनके साथ खड़े रहने के लोकतांत्रिक संकल्प का प्रतिबिंब है।"
महिलाओं के लिए सरकारी पहल
नीतीश कुमार ने बताया कि बिहार सरकार ने वर्षों से महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए कई नीतिगत फैसले लिए हैं. पंचायतों और शहरी निकायों में 50 प्रतिशत आरक्षण, छात्राओं के लिए साइकिल योजना, और स्व-सहायता समूहों के जरिए आर्थिक मजबूती जैसे कदमों ने महिलाओं की भूमिका को नई ऊंचाई दी है.
उन्होंने कहा कि पहले जहां महिलाएं सामाजिक और आर्थिक क्षेत्र में पिछड़ी हुई मानी जाती थीं, आज वही महिलाएं अपने आत्मविश्वास से हर क्षेत्र में अपनी पहचान बना रही हैं.