बिहार विधानसभा चुनाव (2025) में बीएसपी को एक सीट (रामगढ़) पर जीत मिली है. इस बीच बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को एक बड़ा सियासी झटका लगा है. गुरुवार (27 नवंबर, 2025) को पार्टी के बिहार प्रदेश प्रभारी अनिल कुमार ने अपने पद और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया.
सवाल है कि जब पार्टी में सब कुछ ठीक था तो अनिल कुमार ने इस्तीफा क्यों दिया? क्या किसी दूसरी पार्टी में जाएंगे? इस तरह के सवाल उठने लगे हैं. हालांकि अनिल कुमार ने इसके पीछे निजी कारणों का हवाला दिया है. उनके इस अचानक फैसले से बिहार की राजनीति में हलचल तेज हो गई है और पार्टी संगठन में भी चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है.
मायावती को अनिल कुमार ने लिखा पत्र
अनिल कुमार ने पार्टी की अध्यक्ष मायावती को अपना त्यागपत्र लिखा है. कहा है वे वर्तमान में अपरिहार्य निजी कारणों के चलते पार्टी के कार्यों में अपना पूरा समय और योगदान देने में असमर्थ हैं. इसी वजह से वे स्वेच्छा से बिहार प्रदेश प्रभारी पद के साथ-साथ पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे रहे हैं. उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान मिले स्नेह, सहयोग और मार्गदर्शन के लिए पार्टी नेतृत्व का आभार भी जताया है.
बिहार में बीएसपी के लिए बड़ा नुकसान
अनिल कुमार पार्टी के लिए मजबूत नेता था. अब उनके इस्तीफे के बाद बिहार में बीएसपी के लिए एक बड़ा नुकसान माना जा रहा है. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि संगठनात्मक स्तर पर यह बदलाव पार्टी की रणनीति और भविष्य की दिशा को प्रभावित कर सकता है.
पार्टी की ओर से अभी इस इस्तीफे पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है. माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में बीएसपी नेतृत्व बिहार में नए प्रदेश प्रभारी की नियुक्ति को लेकर कोई बड़ा निर्णय ले सकता है. अनिल कुमार का इस्तीफा ऐसे समय पर आया है, जब बिहार की राजनीति एक बार फिर नए सियासी समीकरणों की ओर बढ़ रही है.
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