पटनाबिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने इंडिया गठबंधन (INDIA Alliance) की शनिवार (13 जनवरी) को हुई वर्चुअल मीटिंग में साफ कर दिया कि उन्हें संयोजक नहीं बनना है. इस बैठक में कई दलों के नेता शामिल भी नहीं हुए. ऐसे में सवाल है कि इसके पीछे की वजह क्या है? नीतीश कुमार ने अपनी मर्जी से यह कहा है या फिर इन सबके पीछे कोई खेल है? क्या ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) और प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) का कोई प्लान था?


एबीपी न्यूज़ को सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, बैठक में सभी दलों के नेता ने नीतीश कुमार को संयोजक बनने पर सहमति जता दी. सीताराम येचुरी ने सबसे पहले नीतीश कुमार का नाम लिया, इसी बीच राहुल गांधी ने कहा कि ममता बनर्जी नीतीश कुमार के नाम से सहमत नहीं है. इसके बाद नीतीश कुमार ने कहा दिया कि मुझे संयोजक नहीं बनना है.



अब समझिए नीतीश के ना के पीछे का खेल


कभी नीतीश कुमार के काफी करीबी रहे जन सुराज अभियान के सूत्रधार प्रशांत किशोर का इसके पीछे हाथ बताया जाता है. हालांकि अभी प्रशांत किशोर और नीतीश कुमार के बीच काफी दूरियां बनी हुई हैं और वह आए दिन नीतीश कुमार के खिलाफ बयानबाजी करते रहते हैं. वर्तमान में प्रशांत किशोर ना तो इंडिया गठबंधन में हैं ना एनडीए गठबंधन में हैं, लेकिन पर्दे के पीछे से उन्होंने नीतीश कुमार के खिलाफ बड़ा खेल खेल दिया है.


'...तो नीतीश कुमार को संयोजक बनने से रोकना होगा'


प्रशांत किशोर ममता बनर्जी के काफी करीबी माने जाते हैं. सूत्रों के अनुसार उन्होंने ममता बनर्जी को यह सलाह दी था कि अगर आप नीतीश कुमार को चुनाव के बाद प्रधानमंत्री नहीं बनने देना चाहती हैं या अपने विकल्प को आगे करना चाहती है तो नीतीश कुमार को इंडिया गठबंधन का संयोजक बनने से रोकना होगा. ममता बनर्जी ने प्रशांत किशोर की बातों को माना और इसी को लेकर ममता बनर्जी शनिवार की बैठक में भी शामिल नहीं हुईं. बीते 19 दिसंबर को दिल्ली में हुई इंडिया गठबंधन की बैठक में प्रधानमंत्री के चेहरे के रूप में ममता बनर्जी ने सीधे तौर पर मल्लिकार्जुन खरगे का नाम ले लिया था और उस पर अरविंद केजरीवाल ने भी सपोर्ट कर दिया था. ऐसे में नीतीश कुमार के ऐतराज की वजह प्रशांत किशोर को माना जा रहा है.


यह भी पढ़ें- Samrat Choudhary Reaction: नीतीश कुमार के 'इनकार' को कैसे देख रही BJP? सम्राट चौधरी ने कह दी ये बड़ी बात