Makar Sankranti 2024: हिंदुओं के पवित्र त्यौहार मकर संक्रांति को लेकर संशय बना हुआ है. क्योंकि मकर संक्रांति को लोग 14 जनवरी के नाम से जानते हैं लेकिन इस बार मकर संक्रांति 15 जनवरी को है. लेकिन अधिकांश लोगों का मानना है कि मकर संक्रांति 14 जनवरी को ही होते हैं. तो जानते हैं कि मकर संक्रांति किस दिन मनाना उचित होगा. इस पर पटना के प्रख्यात पंडित अशोक कुमार द्विवेदी ने बताया कि हिंदू धर्म पंचांग के अनुसार मकर संक्रांति का त्योहार 15 जनवरी को मनाना उचित रहेगा. 


15 जनवरी को मकर संक्रांति मनाना रहेगा सर्वोत्तम
इसके पीछे की वजह धार्मिक मान्यताओं और हिंदू पंचांग के अनुसार मकर संक्रांति का त्यौहार सूर्य का मकर राशि में प्रवेश पर होता है. जो पूरे साल में एक बार होता है. बिहार में सबसे अधिक चलने वाले ऋषि के पंचांग के अनुसार इस बार 15 जनवरी को सुबह 9:13 पर सूर्य मकर राशि में प्रवेश कर रहे रहा है जो सूर्यास्त तक संक्रांति का विशेष पुण्य काल रहेगा. इस अवधि में मकर संक्रांति त्योहार मनाना सर्वोत्तम माना गया है.यानी कहा जाए तो 15 जनवरी को मकर संक्रांति त्योहार मनाना उचित है.


स्नान दान पूजन करने से विशेष फल की होगी प्राप्ति 
अशोक कुमार द्विवेदी ने बताया कि मकर संक्रांति के दिन जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है तो सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण हो जाते हैं और खरमास की समाप्ति हो जाती है तथा पुण्य काल शुरू हो जाते हैं. मकर संक्रांति बीतने के बाद कोई भी शुभ कार्य किया जा सकते हैं. उन्होंने बताया कि वैसे 15 जनवरी को सूर्योदय के बाद किसी भी वक्त गंगा स्नान करना, पूजन करना,दान करना शुभ माना गया है जो पूरे दिन तक शुभ है. परंतु 9:13 के बाद स्नान दान बेहद लाभकारी है. अशोक द्विवेदी ने कहा कि अगर शुभ मुहूर्त की बात करें तो 15 जनवरी को पूरे दिन में सुबह 8:29 से 10 बजे तक कुंभ लग्न प्रवेश कर रहा है जो स्थिर लग्न और शुभ लग्न माना जाता है. इस अवधि के दौरान स्नान दान पूजन करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है.


‘काला कंबल दान करने से विशेष फल होगी प्राप्ति’
वहीं पंडित अशोक कुमार द्विवेदी ने बताया कि मकर संक्रांति के दिन गंगा स्नान अति महत्वपूर्ण माना गया है. अगर गंगा नदी संभव नहीं है तो किसी भी नदियों में स्नान करना बेहद पुण्य का माना गया है. इस दिन सूर्य देव की पूजा और भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व है. उन्होंने बताया इस दिन दान का विशेष महत्व है. ब्राह्मण के अलावा गरीब असहाय लोगों को भी दान करना चाहिए. दान करने के लिए तिल का बना हुआ कोई भी मिष्ठान अवश्य दान करें. इससे सूर्य देव के अलावे शनि देव भी प्रसन्न होते हैं और आपके सभी कार्य शुभ होते हैं. इसके अलावा चावल, दाल, सब्जी,द्रव्य इत्यादि का भी दान करें. अगर आप सामर्थ्यवान है तो काला कंबल अवश्य दान करें, इसे विशेष फल की प्राप्ति होती है.


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