तेजस्वी यादव के सरकारी आवास पर बुधवार को महागठबंधन कोऑर्डिनेशन कमिटी की बैठक समन्वय समिति के अध्यक्ष तेजस्वी यादव की अध्यक्षता में होगी. इसमें आरजेडी, कांग्रेस, विकासशील इंसान पार्टी, भाकपा माले, सीपीआई, सीपीएम के नेता शामिल होंगे. इससे पहले जेडीयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने महागठबंधन को बड़ा चैलेंज किया है. 

राजीव रंजन ने तेजस्वी पर क्या कहा?

जेडीयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा, "हिम्मत है तो महागठबंधन तेजस्वी को मुख्यमंत्री उम्मीदवार औपचारिक रूप से आज घोषित करे? आधा दर्जन बार बैठक हो चुकी है, लेकिन अब तक इस पर कोई नतीजा नहीं निकला है, क्योंकि महागठबंधन के दल तेजस्वी के नेतृत्व में चुनाव लड़ने को तैयार नहीं हैं. तेजस्वी अपने साथियों से आज अपने चेहरे पर मोहर लगाकर दिखवा दें, चुनौती है.

राजीव रंजन ने ये भी कहा कि आरजेडी तेजस्वी को महागठबंधन का सीएम कैंडिडेट बताती है, लेकिन सहयोगी तैयार नहीं. सीट शेयरिंग को लेकर महागठबंधन में खटपट है. कांग्रेस 70, भाकपा माले 40, मुकेश सहनी 60 सीट मांग रहे हैं. एनडीए पर तेजस्वी सवाल उठाते हैं, चेहरा को लेकर. एनडीए नीतीश के नेतृत्व में लड़ेगा. वही मुख्यमंत्री होंगे. यह तय है. सभी की सहमति है.

अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या आज की बैठक में महागठबंधन के मुख्यमंत्री चेहरा को लेकर चर्चा होगी? क्या औपचारिक ऐलान कर दिया जाएगा कि महागठबंधन का मुख्यमंत्री चेहरा तेजस्वी हैं? RJD के प्रधान महासचिव एवं विधायक रणविजय साहू ने कहा कि तेजस्वी ही महागठबंधन का मुख्यमंत्री चेहरा हैं. सभी दलों की सहमति है. जेडीयू की चुनौती को हम लोग गंभीरता से नहीं लेते हैं.

विधायक रणविजय साहू ने कहा कि एनडीए सरकार को कैसे उखाड़ फेंका जाए आगामी चुनाव में आज की बैठक में इस पर चर्चा होनी है. सीट शेयरिंग पर कोई पेंच नहीं है. बैठक में चुनावी तैयारियों पर भी चर्चा होनी है. तेजस्वी बिहार के अगले मुख्यमंत्री होने जा रहे हैं. जनता ने यह ठान लिया है. नीतीश सरकार के पास कोई विजन नहीं है. तेजस्वी की घोषणाओं की नकल कर रहे हैं.

एकजुटता का भी संदेश देने की कोशिश

महागठबंधन की बुधवार की मीटिंग में वैसे नेता शामिल होंगे, जो समन्वय समिति के सदस्य हैं. नेताओं का आना शुरु हो गया है. बैठक में सीट शेयरिंग, चुनावी तैयारियों, रणनीति पर मंथन होगा. साझा घोषणा पत्र, साझा चुनाव प्रचार अभियान पर भी मंथन होना है. चुनावी मुद्दों को फाइनल किया जा सकता है. एनडीए सरकार को किस तरह घेरना है, इसकी रूपरेखा तय हो सकती है. बैठक के जरिए एकजुटता का भी संदेश देने की कोशिश है.

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