बीजेपी के विधायक नितिन नबीन अब पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बन गए हैं. पदभार ग्रहण करने के बाद मंगलवार (16 दिसंबर, 2025) को उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. अब सवाल है कि क्या विधायक रहते हुए वे राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद पर काम करते रहेंगे? अगर नहीं तो क्या लोकसभा या राज्यसभा भेजा जाएगा? ऐसे सवालों को लेकर हमने राजनीतिक जानकार संतोष कुमार से बात की.
संतोष कुमार कहते हैं कि नितिन नबीन अब राष्ट्रीय स्तर के नेता हो चुके हैं. उन्हें पूरे देश की राजनीति करनी है. अब दिल्ली में ज्यादा समय उनका बीतेगा. ऐसे में निश्चित तौर पर यह माना जा रहा है कि बिहार की राजनीति से वह दूर होंगे और आने वाले समय में विधायक के पद से भी वह इस्तीफा दे सकते हैं. क्योंकि दिल्ली में रहकर अपने क्षेत्र के लिए काम नहीं कर सकते हैं.
राज्यसभा भेजे जाने की संभावना अधिक
संतोष कुमार ने आगे कहा कि उम्मीद है कि अब नितिन नबीन को राज्यसभा भेजा जाए. क्योंकि लोकसभा का चुनाव तो नहीं है. लगभग चार महीने बाद बिहार से राज्यसभा सदस्यों की पांच सीटें खाली हो रही हैं. ऐसे में इसकी संभावना ज्यादा है कि किसी एक सीट से नितिन नबीन को राज्यसभा भेज दिया जाए.
9 अप्रैल 2026 को बिहार से राज्यसभा की पांच सीटें खाली होने वाली हैं. इसमें से दो सीट आरजेडी, दो जेडीयू और एक उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी आरएलएम की है. राज्यसभा के लिए बिहार विधानसभा के सदस्यों के आंकड़े पर चयन होता है. एक राज्यसभा सीट के लिए कम से कम 48 विधायकों की जरूरत होगी. अभी एनडीए के पास 202 सीटें हैं.
इस हिसाब से चार सीटों पर निर्विरोध होगा जबकि एक सीट महागठबंधन के खाते में जा सकती है. अगर एनडीए की ओर से हस्तक्षेप हुआ तो एक सीट पर चुनाव होगा. दूसरी ओर उपेंद्र कुशवाहा या लोजपा रामविलास का कोई नेता राज्यसभा जाता है तो वह जेडीयू या बीजेपी के खाते से जाएगा. ऐसे में नितिन नबीन के लिए कहीं कोई दिक्कत नहीं है.
संतोष कुमार ने बताया कि नितिन नबीन को राज्यसभा भेजने के लिए कहीं से भी भेजा जा सकता है. वह केंद्र के नेता हो गए हैं, तो ऐसे प्रावधान हैं कि देश के किसी राज्य की सीट से राज्यसभा जा सकते हैं. हालांकि कब जाएंगे यह स्पष्ट नहीं है.
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