Pawan Singh: यूट्यूबर मनीष कश्यप गुरुवार (25 अप्रैल) को बीजेपी में शामिल हो गए और इसके साथ ही यह साफ हो गया कि वह अब पश्चिम चंपारण लोकसभा सीट से चुनाव नहीं लड़ेंगे. वह यहां से निर्दलीय लड़ने वाले थे लेकिन मनोज तिवारी ने उन्हें मना लिया. अब नजर भोजपुरी के पावरस्टार पवन सिंह पर है. मनोज तिवारी ने हाल ही में मीडिया को दिए बयान में कहा था कि वह पवन सिंह से बात करेंगे. मनाने की कोशिश करेंगे. पवन सिंह रास्ता भटक गए हैं. ऐसे में सवाल उठने शुरू हो गए हैं कि क्या पवन सिंह यू-टर्न लेंगे?


इस पूरे मामले में खुद पवन सिंह की प्रतिक्रिया सामने आ गई है. बीते बुधवार (24 अप्रैल) को उन्होंने इस पर अपना रुख साफ कर दिया. पवन सिंह ने कहा है कि मनोज तिवारी उनके बड़े भाई की तरह हैं. इंडस्ट्री के उनका सहयोग उन्हें हमेशा मिलता रहा है, लेकिन पिछले लंबे समय से वे मनोज तिवारी से संपर्क में नहीं हैं और काफी दिनों से बातचीत भी नहीं हुई है.


'काराकाट से पीछे हटने का सवाल नहीं'


पवन सिंह ने कहा कि जहां तक काराकाट से चुनाव लड़ने की बात है तो मैंने अपनी मां को वचन दिया है. मां के वचन के सामने अन्य कोई बात सामने नहीं आ सकती. पवन सिंह ने अपने बयान में स्पष्ट रूप से कहा है कि उनकी मां ने काराकाट की जनता की सेवा के लिए उन्हें सौंपा है. ऐसे में पीछे हटने का सवाल ही नहीं है.


काराकाट सीट से मैदान में हैं कई दिग्गज


बता दें कि काराकाट लोकसभा सीट से एनडीए के प्रत्याशी उपेंद्र कुशवाहा मैदान में हैं. दूसरी ओर भाकपा माले से राजाराम सिंह उतरे हैं. उन्हें राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस का समर्थन है. इन दो दिग्गजों के बीच भोजपुरी के पावरस्टार पवन सिंह ने निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं. देखना होगा कि मनीष कश्यप की तरह क्या पवन सिंह को मनोज तिवारी मना पाते हैं या नहीं.


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