पटना: इंडिया गठबंधन (I.N.D.I.A Alliance) की 19 दिसंबर को दिल्ली में चौथी बैठक हुई थी. इस बैठक के बाद आरजेडी के सांसद मनोज झा ने कहा था कि सीट शेयरिंग, साझा रैली जैसे कार्यक्रम 20 दिनों के भीतर शुरू हो जाएंगे. सभी फैसले 3 हफ्तों में ले लिए जाएंगे. अब सीटों के बंटवारे को लेकर खींचतान शुरू हो गई है. एबीपी न्यूज़ के सूत्रों के अनुसार बिहार महागठबंधन (Bihar Grand Alliance) में सीटों पर बातचीत शुरू हो गई है. यह बात भी सामने आई है कि किसे कितना दिए जाने की बात हो रही है.


किसके खाते में कितनी सीटें?


एबीपी न्यूज के सूत्रों के अनुसार, बिहार में लालू यादव की पार्टी (आरजेडी) ने कांग्रेस से कहा है कि वे सहयोगी दलों को सिर्फ छह सीटें दे सकती है. आरजेडी और जेडीयू 17-17 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है. आरजेडी का कहना है कि वह सीपीआई एमएल और सीपीआई के लिए 2 और कांग्रेस के लिए 4 सीटें छोड़ सकती है.


2019 में 9 सीटों पर लड़ी थी कांग्रेस


अगर साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव की बात करें तो बिहार में महागठबंधन में शामिल कांग्रेस 9 सीटों पर लड़ी थी. आठ सीट हार गई थी. सिर्फ एक सीट जीत पाई थी. किशनगंज सीट कांग्रेस के खाते में आई थी. मोहम्मद जावेद वहां से सांसद बने थे. 2019 में बिहार में 40 में से 39 सीट एनडीए को मिली थी.


'इंडिया गठबंधन के सभी दल कुर्बानी देने के लिए तैयार'


आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा है कि इंडिया गठबंधन के सभी दल कुर्बानी देने के लिए तैयार हैं. बिहार में जेडीयू-आरजेडी, यूपी में सपा, बंगाल में ममता बनर्जी ड्राइविंग सीट पर रहेंगी. यह कांग्रेस को पता है. जिसको जितनी सीटें मिलेंगी वह दल उतनी सीटों पर लड़ेगा.


सीटों को लेकर फंस सकता है पेंच


बता दें कि सीटों को लेकर महागठबंधन में पेंच फंस सकता है. जिस हिसाब से 2019 में जिस हिसाब से कांग्रेस को 9 सीट मिली थी अगर इस बार चार सीट देने की बात पर आरजेडी अड़ी रही तो पेंच फंस सकता है.


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