पटना: 2024 लोकसभा चुनाव (2024 Lok Sabha Election) में पीएम मोदी (PM Modi) को टक्कर देने के लिए कांग्रेस (Congress) के नेतृत्व में विपक्षी दल एकजुट होंगे या थर्ड फ्रंट बनेगा यह अभी कह पाना मुश्किल है लेकिन इतना जरूर है कि थर्ड फ्रंट की कवायद शुरू हो गई है. तेलंगाना के सीएम और बीआरएस प्रमुख के चंद्रशेखर राव (K Chandrasekhar Rao) आगे निकलते दिख रहे हैं. ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि क्या तेलंगाना में नई स्क्रिप्ट लिखी जा रही है?

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बुधवार को के चंद्रशेखर राव ने खम्मम में एक विशाल रैली का आयोजन किया और शक्ति प्रदर्शन किया. इस बीच थर्ड फ्रंट बनने की चर्चाएं जमीन पर आकार लेते दिखने लगी हैं. इस रैली में शामिल होने के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, केरल सीएम पिनराई विजयन, यूपी के पूर्व सीएम और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ वाम दल के नेता डी राजा मौजूद थे. तीन राज्यों के मुख्यमंत्रियों एवं सबसे ज्यादा 80 लोकसभा सीटों वाले राज्य यूपी का मुख्य विपक्षी दल सपा के मुखिया का इस रैली में आना अपने आप में बड़ा संदेश दे रहा है.

आने वाले समय में बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एवं कर्नाटक के पूर्व सीएम और जनता दल सेक्युलर के नेता एचडी कुमारस्वामी केसीआर के साथ जुड़ सकते हैं. कुमारस्वामी गठबंधन के लिए केसीआर से बातचीत कर चुके हैं. कर्नाटक में अपनी पंचरत्न रथ यात्रा के कारण कुमारस्वामी आज रैली में नहीं आ पाए थे.

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चंद्रशेखर राव ने आरजेडी और जेडीयू से बनाई दूरी?

चंद्रशेखर राव ने रैली में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, आरजेडी एवं कांग्रेस को आमंत्रित नहीं किया था. वह उन दलों को साथ जोड़ रहे हैं जिनका बीजेपी एवं कांग्रेस से गठबंधन नहीं है. कुछ महीने पहले के चंद्रशेखर राव बिहार आए थे. नीतीश कुमार और लालू यादव से मुलाकात की थी, लेकिन चंद्रशेखर राव चाहते थे कि बिना कांग्रेस के बीजेपी के खिलाफ मोर्चा बने. हालांकि लालू-नीतीश इसके लिए तैयार नहीं हुए इसलिए चंद्रशेखर राव ने आरजेडी और जेडीयू से दूरी बना ली और रैली में नहीं बुलाया. 

चंद्रशेखर राव थर्ड फ्रंट बनाने की कोशिश में तो लग गए हैं. शुरुआती दौर में सफलता भी मिलती दिख रही है, लेकिन बिना कांग्रेस, आरजेडी और जेडीयू के क्या एंटी मोदी मोर्चा बीजेपी का मुकाबला कर पाएगा यह बड़ा सवाल है. विपक्षी एकजुटता की कवायद जरूर चल रही है लेकिन इन मुख्य दलों के इसमें न रहने से इसमें फूट पहले ही पड़ चुकी है.

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