पटना: वीआईपी (VIP) सुप्रीमो मुकेश सहनी (Mukesh Sahni) को एनडीए (NDA) के साथ ही नीतीश कैबिनेट (Nitish Cabinet) से भी बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है. सहनी को मंत्री पद से बर्खास्त करने की अधिसूचना सोमवार को जारी कर दी गई है. इधर, सहनी से मंत्री पद छीने जाने के मुद्दे पर प्रतिक्रियाओं का दौर जारी है. मंगलवार को हम सुप्रीमो जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने पूरे मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सहनी जिस तरह से बयानबाजी कर रहे थे, यूपी चुनाव में उनका जो रवैया था, वो पूरी तरह से गलत था.


बीजेपी ने लिया है सही एक्शन


मांझी ने कहा, " एनडीए  के साथ होते हुए भी वे एनडीए के खिलाफ काम कर रहे थे. ऐसे में बीजेपी की ओर से लिया गया एक्शन ठीक है. लेकिन इतना बड़ा कदम लेना उचित नहीं था. उनके साथ बात करके समस्या का हल भी निकाला जा सकता था." बीजेपी द्वारा दिए जा रहे बयान 'मुकेश सहनी न घर के रहे न घाट के' पर मांझी ने कहा कि कभी-कभी लोग गच्चा खा जाते हैं. लेकिन इसके लिए ये कहना उचित नहीं है.


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मांझी ने कही ये बात


पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, " मुकेश सहनी एक समाज की लीडरशिप कर रहे हैं. एक तिनके का भी समय आता है. बीजेपी का एक्शन लेना जायज है. हमारी संजय जायसवाल (Sanjay Jaiswal) से बात हुई थी. हमने यह कहा था कि उन्हें (सहनी) नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देना चाहिए. लेकिन उन्होंने नहीं दिया. पर मुझे ये ज्ञात नहीं था कि इतनी जल्दी उन्हें मंत्री पद से हटा दिया जाएगा."


पूरे प्रकरण में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) का बचाव करते हुए मांझी ने कहा कि मुकेश सहनी का मंत्री पद बीजेपी कोटे से था. बीजेपी के सहयोग से सरकार चल रही है. ऐसे में बीजेपी की बात मानना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मजबूरी थी. 


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