राजद नेता रोहिणी आचार्य के हालिया बयान पर सियासत तेज हो गई है. इस मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री और हम प्रमुख जीतन राम मांझी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि यह पूरा मामला आरजेडी का अंदरूनी विवाद है, लेकिन इसके साथ ही उन्होंने रोहिणी आचार्य द्वारा लगाए गए आरोपों को बेहद गंभीर बताते हुए राजद नेतृत्व पर निशाना साधा.
जीतन राम मांझी ने कहा कि रोहिणी आचार्य ने जिस तरह से जघन्य अपराध से जुड़ी बातों का खुलासा किया है, उस पर आरजेडी नेताओं को शर्म आनी चाहिए, लेकिन इन लोगों में जिद बहुत ज्यादा है. वे सही बात सुनना ही नहीं चाहते. उन्होंने यह भी जोड़ा कि पार्टी के अंदर जो मुद्दे उभर रहे हैं, वे आरजेडी के चरित्र और नेतृत्व शैली पर कई सवाल खड़े करते हैं.
RJD में सिर्फ दिखावे भर रह गई है लोकतांत्रिक प्रक्रिया- जीतन राम मांझी
विधायक दल के नेता के चयन को लेकर जीतन राम मांझी ने कहा कि यह काम 5–10 लोग मिलकर तय करेंगे और यह सर्वविदित है कि लालू प्रसाद यादव पूरी तरह तेजस्वी यादव का समर्थन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि राजद में लोकतांत्रिक प्रक्रिया सिर्फ दिखावे भर रह गई है, जबकि वास्तविक फैसले कुछ लोगों की पसंद और परिवारवाद के आधार पर होते हैं.
जीतन राम मांझी ने रोहिणी आचार्य द्वारा उजागर किए गए कथित अपराध का जिक्र करते हुए कहा कि यह कोई साधारण बात नहीं है. उन्होंने जोर देकर कहा कि ऐसे मामलों में राजनीति से ऊपर उठकर जिम्मेदारी दिखानी चाहिए, लेकिन राजद इसमें असफल रहा है.
राजद ने जनता को भ्रमित करने की कोशिश की- मांझी
उन्होंने तेजस्वी यादव के चुनावी वादों पर भी तंज कसा. मांझी बोले, "जब तेजस्वी यादव ने लाखों रोजगार देने की बात कही थी, तभी हमने कहा था कि यह सब बकवास है. कोई भी ठंडे दिमाग वाला व्यक्ति इतने बड़े वादे नहीं कर सकता." उन्होंने कहा कि राजद ने जनता को भ्रमित करने की कोशिश की, लेकिन बिहार के लोगों ने समझदारी दिखाते हुए एनडीए पर विश्वास बनाए रखा.
एनडीए के विकास पर भरोसा रखती है जनता- केंद्रीय मंत्री
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बिहार की जनता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा किए गए विकास कार्यों पर भरोसा रखती है. उन्होंने जनता का धन्यवाद करते हुए कहा कि लोगों के समर्थन और दृढ़ संकल्प से ही राज्य में स्थिर और विकासशील सरकार चल पाती है. रोहिणी आचार्य के बयान ने जहां राजद के भीतर हलचल पैदा की है, वहीं मांझी की प्रतिक्रिया ने इस विवाद को और राजनीतिक रंग दे दिया है. आने वाले दिनों में यह मामला और तूल पकड़ सकता है, क्योंकि विपक्ष और सत्तारूढ़ दल दोनों इस मुद्दे को अपने-अपने तरीकों से जनता के सामने रख रहे हैं.
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