पटना: बिहार में एनडीए की सरकार बन गई है और 12 फरवरी को होने वाले फ्लोर टेस्ट से पहले जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं. मंत्री की मांग को लेकर उन्होंने रोटी का उदाहरण दिया. मांझी ने कहा है कि यह बात समझने वाली है कि अगर एक रोटी से पेट नहीं भरता है तो हम दो रोटी, तीन रोटी मांगेंगे. बीते सोमवार (5 फरवरी) को उन्होंने यह बयान दिया है. इसलिए हमें पेट भरने के लिए कम से कम दो रोटी तो चाहिए.


जीतन राम मांझी ने दो रोटी के बहाने यह भी बता दिया कि उन्हें कौन-कौन से विभाग चाहिए. उन्होंने कहा कि हम ग्रामीण क्षेत्र से आते हैं, गांव में जाते हैं तो हमें चापाकल लगवाने के लिए, सड़क बनवाने के लिए, पुल-पुलिया बनवाने के लिए लोग कहते हैं. क्या हम वह नहीं बनवा सकते हैं? हमें बड़े रोड और पुल के निर्माण के लिए भी कहा जाता है तो क्या हम वह नहीं कर सकते हैं?


कौन-कौन से चाहिए विभाग?


जीतन राम मांझी से जब पूछा गया कि आप विभाग का नाम बताइए तो इस पर उन्होंने कहा कि मैंने तो सब कह दिया. यानी वे ग्रामीण कार्य विभाग और पथ निर्माण विभाग की मांग कर रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि जब मंत्री पद की शपथ दिलाई गई उसके बाद ग्रामीण कार्य विभाग की गाड़ी दी गई थी. हमें अच्छा लगा, लेकिन मंत्रिमंडल विस्तार के बाद हमें परंपरागत विभाग (अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग) दिया गया उससे मुझे दुख हुआ.


बता दें कि जीतन राम मांझी दो मंत्री पद को लेकर लगातार बयानबाजी कर रहे हैं. इसके लिए उन्होंने निर्दलीय विधायक सुमित सिंह को भी कटघरे में खड़ा कर दिया था. कहा था कि निर्दलीय विधायक को मनचाहा विभाग मिलता है. हालांकि मांझी ने यह साफ कर दिया कि वह एनडीए में हैं और एनडीए में रहेंगे. इसमें कोई सोचने वाली बात नहीं है.


यह भी पढ़ें- 2024 में NDA को 400 सीटें... PM मोदी के इस दावे पर मनोझ झा बोले- 'मतलब EVM सेट हो गया?'