Dalit Samagam Rally: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के संरक्षक जीतन राम मांझी ने शुक्रवार को एक बड़ी दलित समागम रैली की. ये रैली राजधानी पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में की गई. इस दौरान उन्होंने दलितों के हित के लिए कई मुद्दे उठाए. वहीं कार्यक्रम में 11 सूत्री मांगें भी रखी गईं, जिसमें कई महत्वपूर्ण राजनीतिक प्रस्ताव दिए गए हैं.
हम पार्टी की रैली में रखी गई कई मांग
हम पार्टी की ओर से दलित समागम रैली में बाबा साहब भीमराव अंबेडकर विशाल प्रतिमा बनाने की मांग रखी गई. सभी पेंशन की राशि 2000 की जाए और महंगाई भत्ते के तर्ज पर इसे हर साल बढ़ाया जाए. बालिकाओं के लिए शिक्षा को मुफ्त किया जाए, ताकि बेटियों को अच्छा भविष्य मिल सके.
जीविका दीदी, रसोईया, ममता दीदी और इन जैसे अनेक कार्यरत लोगों को सरकारी किया जाए, ताकि सम्मानजनक वेतन इन्हें मिले. 21 से 35 साल के बेरोजगार को 5000 बेरोजगारी भत्ता दिया जाए ताकि आर्थिक सहायता मिल सके. सामान शिक्षा नीति लागू की जाए. मध्य वर्ग के लिए सस्ती स्वास्थ बीमा लागू की जाए, जिससे 10 से 15 लाख का इलाज मुफ्त मिल सके. श्री कृष्णा सिंह और दशरथ मांझी को भारत रत्न दिया जाए.
इससे पहले जीतन राम मांझी ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि आज देश विकसित हो रहा है, देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में यह भारत बढ़ रहा है. 2047 में नया भारत बनाना है. नया भारत कब बनेगा जब दलितों को उचित सम्मान देने का काम भारत और बिहार की सरकार करेगी.
वहीं उन्होंने कहा कि अंबेडकर का सपना प्रधानमंत्री बनकर नरेंद्र मोदी ने पूरा किया है. अंबेडकर के लिए महाराष्ट्र में सड़क बनाने का काम पीएम मोदी ने किया. इस भारत का हिस्सा कश्मीर था, वहां कोई आरक्षण नहीं था. मोदी आए तो वहां आरक्षण दिया. बिहार में 2005 के पहले कोई आरक्षण नहीं था. नीतीश कुमार ने पंचायती राज में आरक्षण की व्यवस्था की.
उन्हेंने कहा कि 1950 में जब संविधान बाबा अंबेडकर बना रहे थे. उस समय बाबा साहब के पीछे श्याम प्रसाद मुखर्जी खड़े थे. युवराज राम को भगवान राम किसी ने बनाया तो वह माता सबरी ने किया था, अगर जूठे बेर नहीं खाते राम तो भगवान नहीं होते. दलितों के बिना यह देश नहीं बढ़ सकता. बिहार की 20% आबादी दलित है.
'नीतीश कुमार ने जाति आधारित गणना कराई'
जीतन राम मांझी ने कहा कि लोग कहते थे कि 16 परसेंट आपकी आबादी है, लेकिन नीतीश कुमार ने जाति आधारित गणना कराई तो 16 से 20 परसेंट हो गई. आज 36 लोग दलित समाज से विधायक बनकर आते हैं, लेकिन 2029 में 72 लोग विधायक बन के आएंगे. दलित बच्चियों के लिए हॉस्टल की व्यवस्था बिहार में नीतीश कुमार ने किया.
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