आरा: बिहार के सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) की पार्टी से जिला स्तर पर भी नेता और कार्यकर्ता पार्टी छोड़ रहे हैं. आरा में बुधवार को 74 नेताओं और कार्यकर्ताओं ने पार्टी छोड़ा था तो वहीं दूसरे दिन भी जेडीयू के बिहार प्रदेश जनता दल के नौ नेताओं ने इस्तीफे का एलान किया. आरा की पूर्व सांसद मीना सिंह के इस्तीफे के बाद से इस तरह का सिलसिला जारी है. जनता दल के नौ नेताओं के इस्तीफे की जानकारी प्रदेश महासचिव (श्रम एवं तकनीकी प्रकोष्ठ) सुनील पाठक ने गुरुवार को दी है. एक निजी होटल में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह बताया.


सुनील पाठक ने बताया कि बिहार में जब से महागठबंधन सरकार के चलने के बाद से लूटपाट, अपहरण, बलात्कार, हत्या, डकैती की घटना बढ़ने लगी है. बिहारवासी डरे सहमे हैं. किसी को बिहार की चिंता नहीं है. पिछले दिनों पटना के डॉक्टर गायब हुए लेकिन आज तक कुछ पता नहीं चला. इससे पता चलता है कि बिहार में अपहरण उद्योग शुरू हो गया है. सुनील पाठक ने बताया कि बिहार जेडीयू की राजनीति अब केवल पटना तक ही रह गई है. पार्टी के अंदर अब किसी कार्यकर्ताओं को सम्मान नहीं मिल रहा है.


किस लिए दिया इस्तीफा?


बताया गया कि सुनील पाठक जेडीयू के साथ 18 वर्षों से जुड़े थे. 2005 में जेडीयू की प्राथमिक सदस्यता ली थी. छात्र, युवा प्रकोष्ठ में विभिन्न पदों पर कार्य कर चुके हैं. उन्होंने कहा कि लगातार संगठन की मजबूती और सरकार की नीति को लेकर गांव-गांव तक प्रचार किया लेकिन जब से आरजेडी के साथ गठबंधन में सरकार आई है उन लोगों को सम्मान नहीं दिया जा रहा है, इसलिए वे लोग इस्तीफा दे रहे हैं.


पार्टी से नाता तोड़ने वालों में युवा जेडीयू पूर्व संदेश विधानसभा प्रभारी अमित सम्राट, युवा जेडीयू पूर्व जिला महासचिव अंकित राज, छात्र प्रतिनिधि एसबी कॉलेज प्रियांशु कुशवाहा, युवा पूर्व जिला महासचिव अमलेश कुशवाहा, प्रदेश महासचिव श्रम एवं तकनीकी प्रकोष्ठ, युवा जेडीयू बक्सर पूर्व जिलाध्यक्ष रतन सिंह आदि शामिल हैं. इसके साथ ही सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने जेडीयू से खुद को अलग कर लिया है. ये सभी उपेंद्र कुशवाहा का हाथ मजबूत करेंगे.


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