पटना: 2024 लोकसभा चुनाव के मद्देनजर विपक्षी दलों को एकजुट करने की कोशिश में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) लगे हुए हैं. इसी कड़ी में विपक्षी दलों की एक अहम बैठक 12 जून को पटना के बापू सभागार में होने जा रही है. इस बैठक में करीब 18 से 20 पार्टियों के नेता शामिल हो सकते हैं. बैठक में 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव की रणनीति, सीटों के बंटवारे, साझा मैनिफेस्टो समेत कई मुद्दों पर चर्चा होगी.


बैठक में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल, वाम दलों के नेता सीताराम येचुरी, डी राजा, शिवसेना (उद्धव गुट) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे, एआईयूडीएफ प्रमुख बदरुद्दीन अजमल, महबूबा मुफ्ती, एनसी प्रमुख फारुख अब्दुल्ला, झारखंड सीएम हेमंत सोरेन, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, जनता दल सेक्युलर के नेता कुमारस्वामी समेत विपक्ष के कई प्रमुख नेता बैठक में शामिल हो सकते हैं. इन नेताओं से पहले ही नीतीश कुमार मुलाकात कर चुके हैं. वैसे बैठक में शामिल होने के लिए आमंत्रण भी भेजा गया है.


बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जब कोलकाता में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की थी तो उन्होंने ने ही सलाह दी थी कि विपक्षी दलों की बैठक पटना में बुलाई जाए. ममता बनर्जी ने कहा था कि जेपी आंदोलन की तरह पटना से ही मोदी विरोधी आंदोलन शुरू हो.


जेडीयू प्रवक्ता बोले- यह मील का पत्थर साबित होगा


इस बैठक को लेकर राजनीति तेज हो गई है. जेडीयू और बीजेपी आमने सामने हैं. जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि इस बैठक में विपक्ष के सभी प्रमुख चेहरे रहेंगे. उन्होंने कहा कि स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि नीतीश कुमार को विपक्ष का पीएम उम्मीदवार नहीं बनना है. नीतीश की अपनी कोई महत्वाकांक्षा नहीं है. वह सिर्फ विपक्षी दलों को एक मंच पर लाना चाहते हैं. 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर यह जो बैठक हो रही है यह मील का पत्थर साबित होगा.


विजय सिन्हा बोले- भ्रष्टाचारियों की मीटिंग


वहीं नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि यह विपक्षी दलों की नहीं बल्कि भ्रष्टाचारियों की मीटिंग होने जा रही है. जनता के पैसों को बर्बाद कर मीटिंग बुलाई जा रही है. ये दल अपनी मंशा में कभी कामयाबी नहीं होंगे. जनता तो पीएम मोदी के साथ खड़ी है. इस बैठक का हम लोग विरोध करेंगे. नीतीश से बिहार तो संभल नहीं रहा है, अब विपक्ष को एकजुट करने का सपना देख रहे हैं जो कभी पूरा नहीं होगा.


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