Patna News: लोकसभा में लंबी बहस और फिर वोटिंग के बाद वक्फ बिल अब कानून बन चुका है. इसकी मुखालफत करने वालों ने अब सुप्रीम कोर्ट का रूख किया है. वक्फ बिल पर साथ देने के लिए सबसे ज्यादा बिहार के सीएम नीतीश कुमार को नुकसान होता नजर आ रहा है, क्योंकि इसी साल बिहार में चुनाव है और खुद जेडीयू के मुस्लिम नेता ही अपने पार्टी से खफा हो गए हैं और अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गए हैं.
अपनी पार्टी की राय से सहमत नहीं नेता
विपक्षी पार्टियों के साथ-साथ जेडीयू के मुस्लिम नेता हाजी मोहम्मद परवेज सिद्दिकी ने भी वक्फ संशोधन एक्ट के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की. हाजी मोहम्मद परवेज़ सिद्दिकी राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आरक्षण मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं. सिद्दीकी वक्फ संशोधन एक्ट पर अपनी पार्टी की राय से सहमत नहीं हैं.
परवेज सिद्दीकी ने कहा कि लंबे अरसे से जेडीयू के लिए जमीन से जोड़कर काम करता रहा हूं. समझ में नहीं आ रहा नीतीश कुमार ने किन परिस्थितियों में इस एक्ट का समर्थन किया, जबकि नीतीश कुमार से मिलकर हमने अपनी राय से वाकिफ करा दिया था. मैं इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में लड़ाई लडूंगा. जेडीयू में रहकर इस लड़ाई को जारी रखूंगा.
जेडीयू पार्टी के मुस्लिम नेता नाराज क्यों?
बता दें कि 2 अप्रैल को लोकसभा और 3 अप्रैल को राज्यसभा में वक्फ संशोधन बिल पेश किया गया था, जो दोनों जगह से पास हो गया और चार अप्रैल को राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद ये कानून बन गया. विपक्ष के साथ-साथ जेडीयू पार्टी के मुस्लिम नेता भी इससे नाराज हैं. उनका कहना है कि मुस्लिम समाज डरा हुआ है. भरोसा टूटा है. नेताओं का कहना है कि सरकार इसलिए नहीं चलाई जाती कि एक तबके को नाराज किया जाए. मुस्लिम समाज की भलाई के लिए अगर ये कानून है तो उनके साथ इंसाफ हो. वक्फ में बहुत ज्यादा सुधार होना चाहिए, जो कानून बना है, उसमें कठोर कदम हैं.
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