Tejashwi Yadav Post: बिहार में एनडीए लालू परिवार को परिवारवाद पर घेरता रहा है, लेकिन अब नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी एनडीए को दमादवाद पर घेर रहे हैं. चुनावी वर्ष में तेजस्वी यादव नीतीश सरकार पर आयोग में नेताओं के दामादों को जगह देने के मुद्दे पर लगातार हमलावर है. प्रेस कांफ्रेंस व सोशल मीडिया के जरिए लगातार नीतीश सरकार पर अटैक कर रहे हैं. आज भी X पर वीडियो पोस्ट कर नीतीश सरकार पर तंज कसते हुए लिखा है- न रोजगार के लिए ना बिहार के लिए वो चिंता करते हैं अपने प्यारे दामाद के लिए.
मांझी का तेजस्वी पर पलटवार
इस पर केंद्रीय मंत्री जीतन मांझी ने तेजस्वी पर पलटवार किया है. लिखा- "भाई को तो पहले ही घर से बाहर निकाल दिया है अब बहन और बहनोई को बाहर करने के लिए “दामाद” का मुद्दा उठाया जा रहा है. ताकि भविष्य में “गब्बर सिंह” यदि बेटी-दामाद को कहीं सेट करने की बात कहें,तो यह कहकर मना कर दिया जाए कि हमने तो खुद ही “दामाद” का मुद्दा उठाकर सरकार को घेरा था इसलिए बेटी/दामाद को किसी भी कीमत पर एडजस्ट नहीं किया जाएगा. “जो घर-परिवार का नहीं वह किसी का नहीं”
बता दें आयोग में 'हम' संरक्षक व केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी, स्वर्गीय रामविलास पासवान, बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी (जदयू) के दामाद को जगह दी गई है. जीतन राम मांझी के दामाद देवेंद्र मांझी को अनुसूचित जाति आयोग में उपाध्यक्ष के पद से नवाजा गया है. वहीं स्वर्गीय रामविलास पासवान के दामाद और चिराग पासवान के जीजा मृणाल पासवान को अनुसूचित जाति आयोग में अध्यक्ष बनाया गया है. बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी के दामाद सायन कुणाल को बिहार राज्य धार्मिक न्यास परिषद का सदस्य बनाया गया है.
वहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रधान सचिव दीपक कुमार की पत्नी रश्मि सिन्हा को महिला आयोग का सदस्य बनाया गया है. इसको लेकर भी तेजस्वी हमलावर हैं कि उन्होंने अपने पति की जगह पिता का नाम दर्ज कराया ताकि यह बात छुपाई जा सके. वार पलटवार का दौर जारी है. सियासत गरमाई हुई है.
इस बीच आरजेडी के प्रधान महासचिव एवं विधायक रणविजय साहू ने कहा कि मांझी यह बताएं कि बिहार से केंद्र में 7-8 मंत्री हैं. बिहार के लिए आप लोगों ने क्या किया? बिहार को ठेंगा मिला. विधानसभा चुनाव है. बिहार की जनता इस बार कहीं से चूकने वाली नहीं है. जनता ठगाने वाली नहीं है. जो लोग दामाद-दामाद का खेल खेल रहे हैं. उनका सफाया होना तय है.
'मांझी का इशारा बिलकुल जायज'
इस पर जेडीयू कोटे के मंत्री मदन सहनी ने कहा कि मांझी का इशारा बिलकुल जायज है. तेजस्वी के हर बयान को हम लोग फालतू समझते हैं. काम से उनको मतलब नहीं है. नेता प्रतिपक्ष हैं. काम के मुद्दों को उठाना चाहिए. उनकी हरकत बचकाना है. नीतीश के हर काम का क्रेडिट तेजस्वी लेना चाहते हैं. सामाजिक सुरक्षा पेंशन की राशि बढ़ी तो तेजस्वी कहते हैं मेरे दवाब में हुआ. रोजगार नीतीश सरकार दे रही है तो कहते हैं मेरे कारण हुआ. आगामी विधान सभा चुनाव में उनकी कोई गुंजाइश नहीं है. यही हाल रहा तो आगे भी सत्ता में नहीं आ पाएंगे.