बिहार विधानसभा के बीच आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने जेडीयू को झटका दिया है. मढौरा विधानसभा से जेडीयू नेता अल्ताल आलम आरजेडी में शामिल हो गए. अल्ताफ 2020 में मढौरा से विधानसभा से चुनाव लादे थे और महज 11 हजार वोटों से हारे थे. इसके साथ ही वे सारं जिले से जेडीयू तीन बार जिलाध्यक्ष भी रह चुके हैं.
इस बार मढ़ौरा सीट चिराग पासवान के खाते में चली गयी और लोकजनशक्ति (रामविलास) उम्मीदवार सीमा सिंह का नामांकन रद्द हो गया है. अल्ताफ के आरजेडी में शामिल होने से तेजस्वी यादव ने चुनाव में लीड ले ली है. उधर इस सीट पर एनडीए ने निर्दलीय अंकित कुमार को अपना समर्थन दे दिया है.
एनडीए उम्मीदवार का पर्चा खारिज होने से बढ़ी उम्मीद
मढौरा सीट से आरजेडी उम्मीदवार जितेन्द्र कुमार हैं और एनडीए उम्मीदवार का पर्चा कैंसिल होने से उनकी उम्मीदें बढ़ गयीं हैं. तेजस्वी यादव से मिलने के लिय अल्ताफ आलम के साथ वे भी पहुंचे थे. चूंकि अल्ताफ आलम पिछली बार अच्छा वोट लिए थे इसलिए आरजेडी के लिए उम्मीदें बढ़ गयीं हैं. एजस्वी यादव से मिलने के बाद उन्होंने कहा कि पार्टी उम्मीदवार के साथ उनका और उनके समर्थकों का पूरा सहयोग रहेगा. राज्य में आरजेडी गठबंधन की सरकार बनवाकर रहेंगे. नितीश सरकार ने बिहार की जनता के साथ धोखा किया है. इस चुनाव में जनता उन्हें सबक सिखाएगी.
तेजस्वी ने जताया भरोसा
तेजस्वी यादव और जितेन्द्र कुमार ने अल्ताफ का स्वागत करते हुए कहा कि उनके आने से पार्टी को इस सीट पर और मजबूती मिलेगी. बिहार की जनता महागठबंधन के साथ है.और बदलाव चाह रही है इस बार. अल्ताफ आलम का बीच चुनाव में तेजस्वी के साथ जाने से नितीश और बीजेपी को गहरा झटका लगा है. खासकर अल्पसंख्यक वोटरों पर आरजेडी की पकड़ और मजबूत मानी जा रही है. अब इस मामले में बीजेपी या जेडीयू की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.