बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य के लोगों को बड़ी राहत देने का ऐलान किया. उन्होंने 125 यूनिट तक बिजली मुफ्त कर दी. यानी अब 125 यूनिट तक खर्च करने वालों को एक भी पैसा नहीं देना होगा. नीतीश सरकार का यह ऐलान बड़ा चुनावी कदम माना जा रहा है. 

हालांकि, जबसे नीतीश कुमार ने यह ऐलान किया है, तभी से विपक्ष उनपर निशाना साध रहा है. दरअसल, सीएम नीतीश कुमार का एक पुराना वीडियो फिर से सामने आ गया है, जिसमें वे कह रहे थे कि बिहार में मुफ्त बिजली की योजना नहीं लाएंगे. वे हमेशा सेही मुफ्त योजनाओं के आलोचक रहे हैं और मानते हैं कि मुफ्त बिजली जैसी योजनाएं दीर्घकालिक विकास के लिए हानिकारक हैं. अब वे खुद ही मुफ्त बिजली का ऐलान कर चुके हैं. 

अब इस बदले रुख पर JDU और NDA के नेता तर्क दे रहे हैं. एनडीए में शामिल चिराग पासवान का कहना है कि यह 1 करोड़ 68 लाख परिवारों के लिए बड़ी राहत है. डबल इंजन की एनडीए सरकार गरीबों के आर्थिक सशक्तिकरण के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण के लिए भी ठोस कदम उठा रही है. 

'राजस्व पर कोई असर नहीं पड़ेगा'वहीं, केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने दावा किया कि नीतीश कुमार के इस फैसले से आम जनता को फायदा होगा और राजस्व पर भी कोई असर नहीं पड़ेगा. इसके अलावा, सैयद ज़फर इस्लाम ने कहा, "पूरे प्रदेश की जनता खुश है. जनता की आवाज सुनकर फैसले लेने वाली सरकार है." 

'नीतीश कुमार नकलची नहीं'तो वहीं, अशोक चौधरी ने कहा कि इस फैसले से बिहार के गरीब लोगों और किसानों को काफी राहत मिलेगी. 80 फीसदी सब्सिडी हम पहले भी दे रहे थे. गरीब लोगों को फायदा मिलेगा. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार नकलची नहीं हैं. उन्होंने कई ऐसी योजनाएं शुरू कीं, जिनकी नकल दूसरे लोग करते हैं.

किन राज्यों में मिलती है मुफ्त बिजलीयह पहली बार तो नहीं है जब किसी राज्य ने चुनावी दौर में जनता को ऐसी राहत दी हो. मुफ्त बिजली का ऐलान 'लोकलुभावन वादों' का एक बड़ा हिस्सा है. भारत में कई राज्य ऐसे हैं जहां की सरकारों और राजनीतिक दलों ने सीमित यूनिट तक मुफ्त बिजली देने का वादा किया है. इनमें दिल्ली, पंजाब, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, तेलंगाना और अब बिहार भी शामिल हैं.

दिल्ली की मुख्यमंत्री घरेलू बिजली योजनादिल्ली सरकार ने आम जनता को 200 यूनिट तक पूरी तरह मुफ्त और फिर 201–400 यूनिट तक छूट दी है. साल 2015 और 2020 के चुनावों में आम आदमी पार्टी ने जनता से यह वादा किया था, जिसे 2019 में लागू किया गया. यह चुनावों में प्रमुख मुद्दा बना और ‘गवर्नेंस मॉडल’ के तौर पर प्रचारित किया गया. 

पंजाब की फ्री पावर स्कीम पंजाब में मुफ्त बिजली की योजना AAP सरकार लेकर आई. इसके तहत सभी घरेलू उपभोक्ताओं को 300 यूनिट प्रति माह तक मुफ्त बिजली दी जाती है. आंकड़े कहते हैं कि इस योजना के चलते 90 फीसदी से अधिक उपभोक्ताओं को बिल नहीं आता. 2022 विधानसभा चुनाव से पहले आप ने यह वादा जनता से किया था. 

राजस्थान की इंदिरा गांधी मुफ्त बिजली योजनाराजस्थान में सराकर घरेलू उपभोक्ताओं को 100 यूनिट मुफ्त बिजली दे रही है. इसके बाद 100 से 200 यूनिट के बीच उपभोक्ताओं को सब्सिडी दी जाती है. राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 से पहले कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार ने इसे लागू किया था. यह भी 'जन कल्याणकारी योजनाओं' के हिस्से के रूप में प्रचारित किया गया. 

एमपी में मुफ्त बिजली योजनामध्य प्रदेश में BPL और कुछ श्रेणी के उपभोक्ताओं को मुफ्त या बहुत कम दर पर बिजली दी जा रही है. यहां भी विधानसभा चुनाव 2023 से पहले सरकार ने BPL परिवारों के लिए मुफ्त बिजली और सब्सिडी की योजना चलाई थी. यह वादा चुनावी घोषणाओं में शामिल था. 

छत्तीसगढ़ में गरीबों के लिए फ्री बिजलीछत्तीसगढ़ की सराकर ने मुफ्त बिजली योजना गरीबों के लिए शुरू की थी, जिसके तहत बीपीएल और अनुसूचित जाति/जनजाति परिवारों के लिए 30 यूनिट तक मुफ्त बिजली का ऐलान किया गया. साल 2018 और 2023 चुनावों के समय कांग्रेस ने भी यह वादा किया गया था. चुनाव से पहले इसे लागू भी किया गया. 

इसके अलावा, कर्नाटक और तेलंगाना में भी सरकारों ने घरेलू उपभोक्ताओं और किसानों के लिए मुफ्त बिजली का ऐलान किया है. कर्नाटक में यह वादा कांग्रेस के 5 गारंटी घोषणाओं का हिस्सा था. वहीं, तेलंगाना में बड़ा ग्रामीण वोट बैंक सुनिश्चित करने के इरादे से TRS ने यह वादा किया था.