Prashant Kishor On CM Nitish: पटना में बीपीएससी छात्रों की मांग सरकार से मनवाने के लिए जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर आमरण अनशन पर बैठे हैं. इस बीच शुक्रवार को उन्होंने बताया कि उनके आमरण अनशन को खत्म कराने के लिए एडीएम गांधी मैदान आए थे, जिन्होंने मुझे कहा कि आंदोलन को वापस ले लीजिए, लेकिन मैंने उन्हें बता दिया कि ये मेरे लिए संभव नहीं है. 

प्रशांत किशोर ने प्रशासन से क्या कहा?

प्रशांत किशोर ने कहा कि "इतने सारे मेरे साथियों ने मेरे पर विश्वास किया है, उससे हम पीछे नहीं हट सकते हैं. 29 दिसंबर को प्रशासन ने छात्रों पर लाठी चलाई. अब किसी भी हालत में मैं प्रशासन के कहने से आंदोलन वापस नहीं लूंगा. बच्चों से मुख्यमंत्री सीधे मुलाकात करें. पीके ने कहा कि मुख्यमंत्री पांच छात्र चुन सकते हैं. मुख्यमंत्री का अहंकार इतना है कि वे कह रहे हैं हम नहीं मिलेंगे. हम लोगों की भी ज़िद है कि उन्हें मिलना ही पड़ेगा."

बता दें कि पटना जिला प्रशासन के अधिकारी और पुलिस ने प्रशांत किशोर से धरना खत्म करने का आग्रह किया था. हालांकि अधिकारियों की ये कोशिश कामयाब नहीं हो सकी और उसे वापस लौटना पड़ा, प्रशांत किशोर अपनी जिद पर अड़े हैं. दरअसल इससे पहले छात्रों के साथ जब सड़क पर प्रशांत किशोर छात्रों के साथ उतरे थे तो पुलिस ने छात्रों पर लाीठियां बरसाईं थी. तब प्रशांत किशोर ने सरकार को 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया था कि अगर अभ्यर्थियों की बात नहीं मानी गई तो ये लड़ाई और आगे जाएगी. इसके बाद से ही वो छात्रों के हित में आमरण अनशन पर बैठ गए हैं.

पीके की मांग सीएम खुद छात्रों से मिले 

उनका कहना है कि अब जब तक सीएम खुद छात्रों से नहीं मिलेगें तब तक ये आंदोलन जारी रहेगा. पुलिस के लाख समझाने के बावजूद प्रशांत किशोर वहां से नहीं हटे और उनका आमरण अनशन भी जारी है. प्रशांत किशोर का कहना है कि मेरा आमरण अनशन युवाओं के हित में है, बिहार के हित में हैं.  

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