पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को 10 सर्कुलर रोड आवास खाली करना होगा. मंगलवार (25 नवंबर, 2025) को भवन निर्माण विभाग की ओर से इसको लेकर नोटिस जारी हो गया है. हालांकि उन्हें नया आवास आवंटित हो गया है. अब इस खबर के सामने आने के बाद सियासी गलियारे में कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं. हर तरफ 10 सर्कुलर रोड स्थित आवास की बातें हो रही हैं. कई सवाल भी उठाए जा रहे हैं. पढ़िए 10 सर्कुलर की पूरी कहानी.
पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी चाहे किसी भी पद पर रही हों 10 सर्कुलर आवास उन्हीं के नाम पर हमेशा आवंटित रहा है. करीब डेढ़ दशक तक बिहार की सत्ता में बने रहने के बाद जब लालू परिवार 2005 में विपक्ष में आया तो राबड़ी देवी को एक अणे मार्ग (मुख्यमंत्री आवास) छोड़ना पड़ा. इसके बाद यहां रहने के लिए नीतीश कुमार चले गए. उसी वक्त राबड़ी देवी को पूर्व मुख्यमंत्री की हैसियत से 10 सर्कुलर आवास आवंटित किया गया.
कभी नीतीश कुमार ने टेढ़ी नहीं की बंगले पर नजर
राबड़ी देवी के नाम से आवंटित आवास में लालू परिवार करीब दो दशक से रह रहा है. सबसे बड़ी बात है कि इतने वर्षों में कभी नीतीश कुमार ने इस बंगले पर नजर टेढ़ी नहीं की, लेकिन इस बार बिहार विधानसभा चुनाव (2025) के बाद बीजेपी पहले से ज्यादा ताकतवर होकर उभरी है. सबसे अधिक सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर आई है. ऐसे में चर्चा इस बात की भी है कि बीजेपी के मजबूत होने का असर सरकार के फैसलों पर दिख रहा है.
तेजस्वी यादव ही गए थे कोर्ट… उसी का है असर
सबसे बड़ा सवाल है कि आखिर राबड़ी आवास को इतने सालों के बाद खाली कराने का क्या मकसद है? इस बंगले को क्यों खाली कराया जा रहा है? इसके लिए तेजस्वी यादव के एक केस से समझना होगा. 2015 में जब महागठबंधन की सरकार में तेजस्वी यादव डिप्टी सीएम बने तो उन्हें 5 देशरत्न मार्ग आवास आवंटित किया गया. 2017 में नीतीश कुमार ने जब पाला बदला और वे बीजेपी के साथ सत्ता में आ गए तो सुशील कुमार मोदी डिप्टी सीएम बने और तेजस्वी यादव को 5 देशरत्न मार्ग खाली करने का आदेश दिया गया.
इस आदेश के बाद तेजस्वी यादव हाई कोर्ट चले गए. हालांकि उन्हें राहत नहीं मिली. हाई कोर्ट में चली सुनवाई के दौरान यह जानकारी सामने आई कि नीतीश कुमार की सरकार ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी बंगला, गाड़ी, सुरक्षा और स्टाफ दिए जाने को लेकर नियम बना रखे थे.
इसके बाद पटना हाई कोर्ट ने 19 फरवरी 2019 को तेजस्वी यादव की याचिका पर फैसला सुनाया और बंगला खाली करने का आदेश दिया. इसके साथ ही हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए पूर्व मुख्यमंत्रियों को बंगला, गाड़ी, सुरक्षा और स्टाफ जैसी दी जा रही सुविधाओं को वापस लेने का आदेश दिया. हालांकि उस वक्त राबड़ी देवी बिहार विधान परिषद में विरोधी दल की नेता थीं इस लिहाज से उनका 10 सर्कुलर आवास बचा रह गया, लेकिन अब उन्हें खाली करना होगा. वर्तमान में बिहार विधान परिषद में विरोधी दल की नेता होने के नाते अब उन्हें 39 हार्डिंग रोड आवास दिया गया है.
नोटिस जारी होने के बाद बीजेपी ने कसा तंज
आवास खाली करने को लेकर जारी हुए नोटिस के बाद बीजेपी ने तंज कसा है. बीजेपी के प्रवक्ता नीरज कुमार ने एक्स पर पोस्ट कर कहा, "10 सर्कुलर रोड का आवास खाली करते वक्त, नेता प्रतिपक्ष विधान परिषद श्रीमती राबड़ी देवी जी से आग्रह है कि इस बार अपने बेटे की तरह घर को खाली करते वक्त सरकारी संपत्ति की चोरी नहीं करेंगे. सरकारी संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचाएंगे. बाथरूम से नल और टोटी नहीं चोरी करेंगे! आपके परिवार का ट्रैक रिकॉर्ड यही रहा है. ध्यान रखिएगा हम लोग की नजर अभी से रहेगी. आपके बेटे और पति भी इस घर में रहते हैं जिनका ट्रैक रिकॉर्ड कुछ ऐसा ही है. आप भी अपने बेटे और पति पर नजर रखेंगे कि कहीं कुछ चोरी नहीं हो पाए."
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