Bihar News: इंडिया गठबंधन (INDIA Alliance) की दिल्ली में आयोजित बैठक से पहले बिहार के सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की चर्चा जोरों पर थी. माना जा रहा था कि उन्हें इंडिया गठंबधन का संयोजक बनाया जा सकता है लेकिन उस बैठक में ऐसा कोई फैसला नहीं हुआ. हालांकि सीपीआई-माले के नेता ने कहा था कि जब जरूरत महसूस होगी तो गठबंधन का एक संयोजक बनाया जा सकता है. अब 3 जनवरी को इंडिया गठबंधन के बड़े नेताओं की ऑनलाइन मीटिंग होने वाली है और माना जा रहा है कि इसमें नीतीश कुमार के नाम पर मुहर लग जाएगी. 


सूत्र बताते हैं कि बुधवार जूम मीटिंग आयोजित की जाएगी जिसमें कांग्रेस, नीतीश कुमार के नाम को आगे रख सकती है. कांग्रेस ने राजद, जेडीयू और समाजवादी पार्टी के नेताओं की सहमति ले ली है, वहीं एनसीपी चीफ शरद पवार और शिवसेना-यूबीटी नेता उद्धव ठाकरे से भी इस संबंध में बात की है. जबकि बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के भी मौजूद रहने की संभावना है..


यह  बैठक ऐसे समय में बुलाई गई है जब जेडीयू की कमान खुद नीतीश कुमार ने अपने हाथ में ले ली है. इससे पहले ललन सिंह पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे. जेडीयू में आंतरिक बदलाव इंडिया गठबंधन की पिछली बैठक के तुरंत बाद हुआ है. ऐसे में माना जा रहा है कि जब पार्टी की कमान नीतीश के हाथ में है तो वह इंडिया गठबंधन में बारगेनिंग की स्थिति में होंगे. क्योंकि जेडीयू से जुड़े निर्णय वह खुद करेंगे. दूसरी, तरफ इंडिया गठबंधन को यह डर है कि अगर नीतीश उनके हाथ से छूटे तो लोकसभा चुनाव में बिहार का खेल बिगड़ सकता है.



  • JDU अध्यक्ष बनने के बाद  इंडिया गठबंधन में बारगेनिंग की स्थिति में नीतीश

  • गठबंधन को डर, नीतीश छूटे तो बिहार में खेल बिगड़ सकता है

  • 2019 में NDA को बिहार की 39 लोकसभा सीटों पर जीत मिली

  • 2014 में जेडीयू किसी के साथ नहीं थी फिर भी 16 फीसदी वोट मिले


क्या नीतीश के फेवर में हैं चुनावी आंकड़े?
पिछले दो लोकसभा चुनाव के आंकड़ों को देखें तो नीतीश का साथ दूसरी पार्टियों के लिए अहम रहा है. 2019 में जब नीतीश कुमार की जेडीयू एनडीए की सहयोगी थी तब दोनों ने मिलकर 39 सीटें जीती थीं. बीजेपी ने 17, जेडीयू ने 16 और सहयोगी लोजपा ने छह सीटें जीती थीं. 2014 के चुनाव में जेडीयू अकेले लड़ी थी लेकिन उसे 16 फीसदी वोट मिले थे. वहीं, विधानसभा चुनाव की बात करें तो 2020 के चुनाव में 243 में जेडीयू ने 43 सीटें जीती थीं. कुल मिलाकर स्थिति यह है कि इंडिया गठबंधन को बिहार की 40 सीटों में से बहुमत चाहिए तो नीतीश कुमार को वह इग्नोर नहीं कर सकता. 


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