पटनाः पूर्व गृह सचिव और बीएसएससी घोटाले के आरोपी आईएएस अधिकारी सुधीर कुमार शनिवार को पटना के गर्दनीबाग स्थित एससी-एसटी थाने पहुंचे. हालांकि थाना पहुंचने के चार घंटे बाद भी उनकी एफआईआर दर्ज नहीं हो सकी. सुधीर कुमार का कहना है कि उन्होंने नीचे से लेकर ऊपर तक के लोगों के खिलाफ आवेदन दिया है. जालसाजी, झूठे कागजात बनाने और जाली एविडेंस जैसे मामले हैं.


थानेदार ने कहा- समझ में नहीं आती है अंग्रेजी


सुधार कुमार के अनुसार वह शनिवार को 12 बजे थाना पहुंचे लेकिन शाम के चार बज गए फिर भी एफआईआर दर्ज नहीं की गई. बताया कि बीते पांच मार्च को वे एफआईआर दर्ज  कराने के लिए शास्‍त्रीनगर थाना भी गए थे. वहां भी मुहर मारकर रिसिविंग दे दी गई गई. उस मामले में आज तक कुछ नहीं हुआ. एक सवाल पर कि एफआईआर नहीं लेने के पीछे थानेदार ने क्या वजह बताई इसपर कहा कि थानेदार का कहना है कि उन्‍हें अंग्रेजी समझ नहीं आती.


रिसिविंग लेने के लिए थाने में ही बैठ गए सुधीर कुमार


वहीं दूसरी ओर प्राथमिकी दर्ज नहीं होने पर सुधीर कुमार थाने में ही बैठ गए. उनका कहना था कि उन्‍होंने आवेदन दिया है और जबतक रिसिविंग नहीं मिलेगी वह नहीं जाएंगे. उन्‍होंने कहा कि एफआईआर दर्ज होने के बाद ही वे बताएंगे कि किन-किन पर प्राथमिकी की गई है.


हालांकि कई बार सवाल करने के बाद सुधीर कुमार ने कुछ लोगों के नाम बताए कि उन्होंने किन-किन लोगों के खिलाफ आवेदन दिया है. बाताया जाता है कि आवेदन में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, डीआईजी मनु महाराज समेत कई लोगों के नाम हैं जिसे देखकर थानेदार के भी होश उड़ गए. हालांकि सुधीर कुमार ने कहा कि वह अभी जबतक प्राथमिकी दर्ज नहीं हो जाती वह पूरा मामला नहीं बता सकते.


बता दें कि सुधीर कुमार के बीएसएससी अध्यक्ष रहते हुए 2014 में इंटर स्तरीय संयुक्त परीक्षा का पेपर लीक हुआ था, जिस मामले में 2017 में इनको निलंबित करते हुए गिरफ्तार किया गया था. इन्हें तीन वर्ष से अधिक की सजा भी हुई थी. सुधीर कुमार 1988 बैच के आईएएस अधिकारी रहे हैं. बीएसएससी के अलावा वह गृह विभाग के प्रधान सचिव की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं.


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