Holika Dahan and Holi 2023: बिहार में कुछ पर्व-त्योहार ऐसे हैं कि लोग अपने गांव-घर लौटकर जरूर आते हैं. होली भी इन्हीं में से एक है. बिहार में इस बार होली आठ मार्च (Holi 2023 8 March) यानी बुधवार को मनाई जा रही है लेकिन होलिका दहन को लेकर लोगों में कन्फ्यूजन जरूर हो रहा है. कहीं आज सोमवार की देर रात तो कहीं कल मंगलवार की शाम लोग होलिका दहन किया जाएगा. तिथि के कन्फ्यूजन को लेकर पटना के पंडित जी से हमने बात की. जानिए पंचांग के अनुसार वो क्या कहते हैं.

पटना के प्रख्यात पंडित रविंद्र नाथ तिवारी ने बताया कि हिंदी महीने की फाल्गुन पूर्णिमा को होलिका दहन होता है और इसी तिथि में रात्रि को होलिका जलाई जाती है. बिहार में सबसे अधिक चलने वाले ऋषिकेश पंचांग के अनुसार पूर्णिमा की तिथि आज सोमवार अपराह्न 3:56 से प्रारंभ होगी जो कल सात मार्च की शाम 5:39 तक रहेगी. इसके बाद नए साल के चैत्र महीने का एक्कम होगा और एक्कम के दिन होली मनाई जाती है. एक्कम की उदय तिथि आठ मार्च को हो रही है इसलिए होली आठ मार्च को होगी.

रविंद्र नाथ तिवारी बताते हैं कि पूर्णिमा की उदय तिथि सात मार्च को ही है लेकिन पूर्णिमा की रात्रि छह मार्च को बीत रही है. छह मार्च को जिस वक्त से पूर्णिमा प्रारंभ हो रही है उसी वक्त से भद्र योग भी बन रहा है. यह योग देर रात्रि रहते हुए सुबह 4:48 तक बना रहेगा. भद्र योग की शुरुआत में कोई शुभ काम कार्य नहीं किए जाते हैं लेकिन भद्र के पूंछ यानी अंतिम समय में शुभ कार्य किया जा सकता है.

होलिका दहन का शुभ मुहूर्त क्या होगा?

पंचांग के अनुसार भद्र के अंतिम से डेढ़ घंटा पहले यानी देर रात्रि 3:24 से लेकर 4:48 तक होलिका दहन का शुभ मुहूर्त बताया जा रहा है. होलिका दहन के लिए शुभ समय सात मार्च को भी है. इसके लिए शुभ मुहूर्त शाम 6:24 से रात 8:51 तक भी बताया जा रहा है. दोनों दिन अपने-अपने अनुसार मानने वाले लोग होलिका दहन करने वाले हैं.

भगवान विष्णु और अपने कुल देवता को लगाएं पुआ का भोग

पंडित रविंद्र नाथ तिवारी ने कहा कि होलिका दहन के बाद भगवान विष्णु की पूजा अवश्य करनी चाहिए क्योंकि इसकी पौराणिक कहानी भगवान विष्णु से जुड़ी हुई है. भक्त प्रह्लाद को भगवान विष्णु ने ही होलिका से बचाया था और जलने नहीं दिया था. भगवान विष्णु को पीला भोग अवश्य लगाएं. यही भोग अपने कुलदेवता को लगाना चाहिए. रविंद्र नाथ तिवारी बताते हैं कि इस बार का होली का योग अच्छा नहीं बन रहा है. होली से पूरे साल की शुरुआत होती है, लेकिन सुबह में होलिका दहन अशुभ माना जाता है जिसके कारण पूरे साल शुभ नहीं रहने के संकेत भी है.

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