Bihar News: ईद, रामनवमी और चैती छठ को देखते हुए बिहार में पुलिस मुख्यालय की ओर से हाई अलर्ट जारी किया गया है. शुक्रवार (28 मार्च, 2025) को एडीजी मुख्यालय कुंदन कृष्णन और एडीजी लॉ एंड ऑर्डर पंकज दाराद ने बैठक की. बिहार में पर्व-त्योहार है तो ऐसे में साफ तौर पर अराजक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दिया गया है.

एडीजी लॉ एंड ऑर्डर पंकज दाराद ने कहा कि आज (शुक्रवार) जुमे की आखिरी नमाज है. संभावित तौर पर बिहार में 31 मार्च को ईद है. ऐसे में जहां-जहां बड़ी संख्या में मेला लगते हैं, भीड़ होती है, वहां पुलिस बल की तैनाती और निगरानी रखने का दिशा-निर्देश दिया गया है. चैती छठ एक से चार अप्रैल तक है. नालंदा, औरंगाबाद, सहरसा, भोजपुर, पटना इन जिलों के कई शहरों में मुख्य रूप से चैती छठ होता है. यहां पर भी सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं और पुलिस मुख्यालय की ओर से दिशा-निर्देश जारी किया गया है.

पंकज दाराद ने कहा कि चैत्र नवरात्र भी 30 मार्च से शुरू हो रहा है. 7 अप्रैल को दशमी है. कुछ लोग कलश बैठाते हैं. प्रतिमा भी स्थापित करते हैं. इन सब चीजों को लेकर विधि-व्यवस्था के दृष्टिकोण से जो निगरानी है और बल की प्रतिनियुक्ति है, कर दी गई है.

रामनवमी को लेकर भी की गई विशेष तैयारी

छह अप्रैल को रामनवमी है. रामनवमी के बाद भी कई दिनों तक महावीरी झंडा और शोभायात्रा कई जिलों में निकाली जाती है. पंकज दाराद ने कहा है कि पिछले कुछ समय में रामनवमी के दिन घटनाएं घटी हैं इसलिए विशेष सतर्कता की जरूरत है. जो मुख्य रूप से संवेदनशील जिले हैं गया, नालंदा, दरभंगा, समस्तीपुर, नवादा, मुंगेर, खगड़िया, रोहतास, सीवान यहां बड़ी संख्या में पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति की गई है. 50 कंपनी बीएसएपी (BSAP) की सभी जिलों को दी गईं हैं. 12 कंपनियां सीपीएमएफ से दी गईं हैं. पहले छह कंपनियां मिला करती थीं. होमगार्ड के जवानों को भी ड्यूटी में लगाया गया है.

पंकज दाराद ने जानकारी दी कि बिहार के डीजीपी ने कल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलों के एसपी रेंज के आईजी, डीआईजी के साथ मीटिंग की है. उसमें कई दिशा-निर्देश दिए गए हैं. शांति-समिति को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वह विधि-व्यवस्था को बनाए रखने के लिए हर संभव मदद करें.

दिक्कत नहीं है तो नहीं बदला जाएगा जुलूस का रूट

पंकज दाराद ने आगे कहा कि सबसे ज्यादा समस्या जुलूस को लेकर होती है. हमने सुनिश्चित किया है कि अगर कोई दिक्कत नहीं है तो किसी भी जुलूस का रूट चार्ट बदल ना जाए. जो पूर्व से रूट बने हुए हैं उसी में जुलूस जाए. अगर हाई सेंसिटिव इलाका है तो ही रूट में बदलाव किया जाए. डीजे को जिस हाई साउंड में बजाया जाता है उससे बुजुर्ग लोगों को दिक्कत होती है. डीजे को काफी देर तक एक जगह रोकने से लोगों को दिक्कत होती है. यही कारण है कि डीजे पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है. 

उधर कुंदन कृष्णन ने कहा कि सभी जुलूस की वीडियोग्राफी होगी. पत्रकारों से कहा कि घटना पर हमें जानकारी नहीं मिलती है इस पर हमने दिशा-निर्देश दिया है कि अगर कोई भी घटना होती है तो उसका प्रेस रिलीज शाम तक जारी कर दिया जाए. 

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