Hearing In Patna High Court: विभागीय कार्यों के हेर फेर के मामले में पटना हाईकोर्ट में लंबित मामलों का जवाब देने में बिहार सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग को 9 महीने लग गए. उसके बाद भी विभाग ने न्यायालय को जवाब नहीं दिया. आज बुधवार को सुनवाई के दौरान पटना हाईकोर्ट ने विभाग को फटकार लगाई है.
जवाब दाखिल नहीं करने पर हाईकोर्ट की नाराजगी
उच्च न्यायालय ने राजस्व सेवा के अधिकारियों को भूमि सुधार उप समाहर्ता के पद पर पदस्थापन के मामले में सामान्य प्रशासन विभाग के जरिए जवाब दाखिल नहीं करने से नाराजगी जाहिर की है. अब इस मामले की अगली सुनवाई 5 मार्च को होगी. दरअसल यह पूरा मामला बिहार सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अधिकारियों की पदोन्नति से जुड़ा हुआ है.
अक्टूबर, 2023 में बिहार राजस्व सेवा के पदाधिकारी पदोन्नति के बाद जब भूमि सुधार उप समाहर्ता के पद पर पदस्थापना की प्रतीक्षा कर रहे थे, लेकिन उस वक्त सामान्य प्रशासन जरिए अचानक सभी पदों पर बिहार प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारियों को पदस्थापित कर दिया गया था और इस मामले में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग को सूचित भी नहीं किया गया था.
इस मामले को लेकर याचिकाकर्ता विनय कुमार ने बिहार सरकार के समान प्रशासन विभाग के खिलाफ पटना हाईकोर्ट में केस फाइल किया था, 19 मार्च 2024 को केस फाइल हुई और 4 मार्च को केस रजिस्टर्ड हो गया था. उस वक्त की सुनवाई में कोर्ट ने सामान्य प्रशासन विभाग से इसका जवाब मांगा था. लेकिन 9 महीने बीतने के बाद भी विभाग की ओर से ठोस जवाब नहीं दिया गया.
हाईकोर्ट ने सामान्य प्रशासन विभाग से मांगा जवाब
बुधवार को हाईकोर्ट ने जब इस बात पर आपत्ति जताई कि 9 माह का लंबा समय बीतने के बावजूद सामान्य प्रशासन विभाग के जरिए इस मामले में कोई जवाब दाखिल क्यों नहीं किया गया तो सरकारी अधिवक्ता ने जवाब दायर करने के लिए 2 सप्ताह के समय की मांग की, जिसे न्यायालय ने स्वीकार कर लिया है.
बतादें कि भूमि सुधार उप समाहर्ता बिहार राजस्व सेवा का पद है. 9 साल तक राजस्व अधिकारी एवं अंचल अधिकारी के पद पर काम कर चुके अधिकारी ही भूमि सुधार उप समाहर्ता ( DCLR) के पद पर काम करते हैं. बिहार राजस्व सेवा के अनुभवी अधिकारियों की डीसीएलआर के पद पर तैनाती होनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ था. ये मामला अब हाईकोर्ट में चल रहा है.
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