Hearing In High Court: पटना के गांधी मैदान मे प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) के बीपीएससी वाले मामले पर सत्याग्रह करने से रोके जाने के मामले पर शुक्रवार (14 फरवरी) को हाईकोर्ट में सुनवाई हई, जिसमें कोर्ट ने कुछ निर्देश दिए हैं. प्रशांत किशोर के वकील अशोक कुमार ने सुनवाई के बाद बताया कि प्रशासन ने जो, सत्याग्रह रोकने का हावाले दिया था, उसे कोर्ट में पेश करने को कहा गया है.  

याचिकाकर्ता के वकील को मिला निर्देश 

दरअसल सुनवाई के बाद पटना हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता के वकील को निर्देश दिया है, जिसमेंं कहा गया है कि जिस आधार पर  धरना करने से रोका जा रहा है और हवाला हाईकोर्ट का दिया जा रहा है, उसे प्रस्तूत किया जाए. कोर्ट ने कहा है कि ये देखना होगा कि उस आदेश में क्या है? क्या उसे आगे बरकरार रखा जाए या खत्म किया जाए.

बता दें कि बीपीएससी अभ्यर्थियों के मामले को लेकर गांधी मैदान में सत्याग्रह स्थल पर प्रशांत किशोर के सत्याग्रह और धरना प्रदर्शन को प्रशासन ने रोक दिया था. जिसके खिलाफ पटना हाई कोर्ट में दायर की गई याचिका पर आज सुनवाई हुई.  

हाईकोर्ट ने कहा कि जिस आदेश का हवाला देकर प्रशासन धरना प्रदर्शन या सत्याग्रह को रोक रहा है, अगली सुनवाई में उस कागजात को हाईकोर्ट के समक्ष रखा जाए. इस मामले पर पटना हाईकोर्ट में अब शुक्रवार को सुनवाई होगी. हाईकोर्ट उसी दिन सत्याग्रह रोके जाने के प्रशासन के आदेश और लाठीचार्ज के मामले पर सुनवाई करेगा.

बीपीएससी पर कथित अनिमियता का आरोप 

पूरा मामला 70th बीपीएससी परीक्षा से जुड़ा है. जब 13 दिसंबर 2024 को BPSC 70वीं पीटी परीक्षा में कथित अनिमियता का आरोप लगाते हुए अभ्यर्थियों ने पटना के बापू सेंटर पर जमकर हंगामा किया. उसकी जांच के बाद उस सेंटर की परीक्षा रद्द कर दी गई और री-एग्जाम हुआ. जबकि आंदोलन कर रहे अभ्यर्थियों का कहना है कि पूरी परीक्षा रद्द की जाए.

इनहीं अभ्यर्थियों के समर्थन में प्रशांत किशोर आगे आए और बीपीएससी के खिलाफ गांधी मैदान में सत्याग्रह करने के लिए प्रशासन से इजाजत मांगी, लेकिन उन्हें इजाजात नहीं मिली और गांधी मैदान से पुलिस ने धरना किसी तरह हटवा दिया. इसी को लेकर पीके की पार्टी की ओर से पटना में याचिका दायर की गई है. 

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