Land for Job Case: दिल्ली की विशेष अदालत आज (मंगलवार) दोपहर बाद पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) और अन्य के खिलाफ लैंड फॉर जॉब यानी 'जमीन के बदले नौकरी' के मामले में दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान ले सकती है. इससे पहले, अदालत ने शुक्रवार को इस पर फैसला सुरक्षित रखा था. विशेष जज विशाल गोगने को उसी दिन निर्णय देना था, लेकिन सीबीआई की ओर से कुछ बिंदुओं पर स्पष्टीकरण देने के बाद सुनवाई टाल दी गई थी.
सीबीआई ने अदालत को बताया था कि इस मामले में तीन अलग-अलग चार्जशीट दाखिल की गई हैं, लेकिन सभी में एक ही मूल षड्यंत्र को उजागर किया गया है और इनमें कई सामान्य आरोपी और गवाह हैं. ऐसे में पूरे मामले की सुनवाई एक ही मुकदमे के रूप में होनी चाहिए. अदालत ने इस दलील को दर्ज करते हुए सुनवाई 25 फरवरी को तय की, जिसमें चार्जशीट पर संज्ञान लेने और आगे की कार्यवाही पर निर्णय होगा.
'तो सक्षम अधिकारी को स्पष्टीकरण प्रस्तुत करना होगा'
सीबीआई ने अदालत को यह भी जानकारी दी कि उन्हें लोक सेवक आरके महाजन के खिलाफ अभियोजन चलाने के लिए आवश्यक स्वीकृति मिल गई है. इससे पहले, 16 जनवरी को अदालत ने कहा था कि यदि 30 जनवरी तक महाजन के खिलाफ स्वीकृति नहीं मिलती है तो सक्षम अधिकारी को इसका स्पष्टीकरण प्रस्तुत करना होगा.
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि यह मामला पश्चिम-मध्य रेलवे के जबलपुर जोन में 2004 से 2009 के बीच ग्रुप-डी पदों पर हुई नियुक्तियों से जुड़ा है. आरोप है कि लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री रहने के दौरान उम्मीदवारों से उनके परिवार या सहयोगियों के नाम पर जमीन हस्तांतरित करवाई गई थी और इसके बदले में उन्हें रेलवे में नौकरियां दी गईं.
सीबीआई ने 18 मई 2022 को लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी, दो बेटियों, अज्ञात सरकारी अधिकारियों और कुछ निजी व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था. अब तक 30 आरोपियों के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति मिल चुकी है. अदालत आज इस मामले में आगे की कार्रवाई पर फैसला ले सकती है.
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