बिहार के नवादा में राष्ट्रीय जनता दल के भीतर सियासी तूफान खड़ा हो गया है. पूर्व एमएलसी सलमान रागीव मुन्ना ने अपनी ही पार्टी के गोविंदपुर विधायक मोहम्मद कामरान के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए तीखे आरोप लगाए हैं. यह बवाल तब शुरू हुआ, जब कामरान की पूर्व राजद नेता और पूर्व राज्य मंत्री राजबल्लभ यादव के साथ मुलाकात की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुईं.
विवाद का केंद्र: राजबल्लभ से मुलाकात
इन तस्वीरों ने न केवल आरजेडी के भीतर खलबली मचा दी, बल्कि नवादा की सियासत में भी पारा गरमा दिया है. मोहम्मद कामरान, जो गोविंदपुर से आरजेडी के मौजूदा विधायक हैं, उनकी राजबल्लभ यादव के साथ मुलाकात ने पार्टी के भीतर तनाव पैदा कर दिया है. राजबल्लभ यादव, जो एक समय आरजेडी के कद्दावर नेता थे, विवादास्पद छवि के कारण पार्टी में हाशिए पर हैं.
उनकी तस्वीरों के वायरल होने के बाद सलमान रागीव मुन्ना ने कामरान पर पार्टी विरोधी गतिविधियों का आरोप लगाया. मुन्ना, जो हाल ही में जदयू छोड़कर आरजेडी में शामिल हुए थे, उन्होंने चेतावनी दी कि जो लोग पार्टी के संविधान और हितों के खिलाफ काम करेंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
सलमान रागीव मुन्ना का अल्टीमेटम
मुन्ना ने सार्वजनिक रूप से कामरान की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा, "हमारी पार्टी पर गलत आरोप लगाने वालों के साथ कोई समझौता नहीं होगा. अगर कोई नेता पार्टी लाइन से हटकर काम करेगा, तो उसे बख्शा नहीं जाएगा." इस बयान ने आरजेडी के स्थानीय कार्यकर्ताओं और नेताओं के बीच तनाव को और बढ़ा दिया. मुन्ना ने यह भी संकेत दिया कि कामरान की यह मुलाकात आगामी विधानसभा चुनावों से पहले सियासी समीकरण बदलने की कोशिश हो सकती है, जो पार्टी की एकता के लिए खतरा है.
नवादा में पहले से ही आरजेडी के भीतर गुटबाजी की खबरें सामने आ रही थीं. कामरान और राजबल्लभ की मुलाकात ने इस आग में घी डालने का काम किया है. राजबल्लभ यादव का परिवार नवादा में लंबे समय से सियासी रूप से प्रभावशाली रहा है और उनकी वापसी या किसी नए गठजोड़ की अटकलें तेज हो गई हैं. दूसरी ओर कामरान की गोविंदपुर में मजबूत पकड़ मानी जाती है, जिसके चलते यह विवाद आरजेडी के लिए आगामी चुनावों में नुकसानदायक साबित हो सकता है.
आरजेडी के प्रदेश नेतृत्व ने अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है. हालांकि, सूत्रों का कहना है कि तेजस्वी यादव इस विवाद को शांत करने की कोशिश कर सकते हैं, क्योंकि नवादा में पार्टी की स्थिति पहले से ही नाजुक है. कुछ राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह घटना आरजेडी के लिए एक बड़ा झटका हो सकती है, खासकर तब जब पार्टी बिहार में नीतीश कुमार की जदयू और भाजपा के खिलाफ अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश कर रही है.
नवादा में यह सियासी ड्रामा अभी और गहरा सकता है. स्थानीय कार्यकर्ताओं में असंतोष बढ़ रहा है, और सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीरों ने इस मुद्दे को और तूल दे दिया है. कुछ लोग इसे आगामी चुनावों से पहले RJD के भीतर सत्ता की लड़ाई के रूप में देख रहे हैं, तो कुछ इसे क्षेत्रीय नेताओं के बीच व्यक्तिगत रंजिश का नतीजा मान रहे हैं.
आगे क्या है पार्टी की रणनीति?
आरजेडी नेतृत्व इस मामले को कैसे संभालता है, यह तय करेगा कि नवादा में पार्टी की एकता और चुनावी तैयारियां कितनी प्रभावित होंगी. मोहम्मद कामरान ने अभी तक इन आरोपों पर कोई जवाब नहीं दिया है, लेकिन उनकी चुप्पी को लेकर भी अटकलें तेज हैं. यह विवाद 2025 के विधानसभा चुनावों में आरजेडी के लिए नई चुनौतियां खड़ी कर सकता है, खासकर नवादा जैसे संवेदनशील क्षेत्र में.
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