अपने बेबाक और आक्रामक अंदाज के लिए मशहूर राजवल्लभ यादव ने सोमवार को नवादा में एक बार फिर भूचाल ला दिया है. उन्होंने दावा किया कि उनके बयानों को सोशल मीडिया पर तोड़-मरोड़ कर गलत तरीके से पेश किया गया. साथ ही उन्होंने लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव की जमकर तारीफ की, जिससे सियासी गलियारों में नई चर्चा शुरू गई. 

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'मैंने कोई आपत्तिजनक बयान नहीं दिया'

राजवल्लभ यादव ने कहा, मैंने कोई आपत्तिजनक बयान नहीं दिया. सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने मेरे बयानों को तोड़-मरोड़ कर गलत ढंग से वायरल कर दिया. मैंने लालू यादव की बहू या तेजस्वी यादव की पत्नी के बारे में कुछ नहीं कहा. ऐसा करने वाले लोग अपने निजी लाभ के लिए नीचे गिर रहे हैं. उन्होंने साफ कहा कि किसी महिला को अपमानजनक नाम देना उनकी शख्सियत के खिलाफ है और ऐसा करने वाला पागल ही होगा.

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अपने चिर-परिचित अंदाज में राजवल्लभ ने खुद को पागल हाथी करार देते हुए चेतावनी दी और कहा कि 'जो हम पर लगाम लगाने की कोशिश करेगा, उसे हम पटक देंगे पागल हाथी हूं'. यह बयान उनकी बेलगाम और बेबाक छवि को और मजबूत करता है. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वे किसी भी राजनीतिक दल से नहीं जुड़े हैं और न ही भविष्य में किसी पार्टी में जाने की उनकी कोई योजना है. नीतीश कुमार के साथ किसी भी बातचीत से भी उन्होंने इनकार किया.

पूर्व विधायक राजवल्लभ यादव ने राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और उनके बेटे तेजस्वी यादव की जमकर तारीफ की. उन्होंने कहा, लालू यादव हमारे राज्य के एक बड़े राजनीतिक घराने के मुखिया हैं और तेजस्वी एक जाने-माने नेता हैं. इसके साथ ही, उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी तारीफ की और कहा कि उनके मंच पर उनके विधायकों का जाना स्वाभाविक था. मोदी सबके प्रधानमंत्री हैं, उनके जिले में आने पर मंच पर जाना कोई गलत बात नहीं. राजबल्लव ने तर्क दिया कि मोदी ने भ्रष्टाचार करने वाले लोगों को जेल भेजा है.

राजवल्लभ ने दावा किया कि उनके जरिए उजागर किए गए बिजली विभाग के घोटाले ने कई बड़े अधिकारियों और अरबपतियों को जेल की सैर कराई. उन्होंने अपनी नौ साल की जेल अवधि का जिक्र करते हुए कहा कि उनके प्रयासों से भ्रष्टाचारियों को सजा मिली. उन्होंने स्पष्ट किया कि मेरी नीतीश कुमार के साथ कोई बातचीत नहीं हुई है. मैं किसी भी राजनीतिक दल में शामिल नहीं हुआ हूं और न ही भविष्य में किसी पार्टी में जाने की कोई संभावना है. 

स्थानीय राजद नेता विनय यादव पर निशाना साधते हुए राजवल्लभ ने उन्हें गोवर्धन मंदिर में कुश्ती प्रतियोगिता के लिए ललकारा. उन्होंने आरोप लगाया कि विनय ने उनके खिलाफ कोर्ट में झूठी गवाही दी थी. विनय यादव आएं और मुझसे कुश्ती लड़ें, देखते हैं कौन कितना दम रखता है. 

लालू की तारीफ और नीतीश से दूरी का मतलब?

राजवल्लभ यादव का यह बयान बिहार की राजनीति में एक नया मोड़ ला सकता है. उनकी लालू-तेजस्वी की तारीफ और नीतीश कुमार से दूरी बनाए रखने की बात ने सियासी विश्लेषकों को सोच में डाल दिया है. उनका "पागल घोड़ा" वाला बयान और कुश्ती की चुनौती उनकी आक्रामक शैली को दर्शाता है, जो जनता के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है. 

राजवल्लभ यादव की यह बयानबाजी बिहार की सियासत में कितना असर डालेगी, यह देखना बाकी है, लेकिन इतना तय है कि उनका यह भूचाल राजनीतिक गलियारों में लंबे समय तक गूंजता रहेगा. क्या वे भविष्य में किसी दल का दामन थामेंगे या अपनी स्वतंत्र छवि बनाए रखेंगे? यह सवाल अभी अनुत्तरित है.