Former CM Rabri Devi: बिहार के पूर्व सीएम लालू यादव (Lalu Yadav) और उनके परिवार के खिलाफ चल रहे मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट ने मंगलवार को बड़ी राहत दी है. जमीन के बदले नौकरी घोटाला मामले में तेज प्रताप यादव, हेमा यादव और अन्य आरोपियों को जमानत दे दी गई. समन जारी होने के बाद ये लोग कोर्ट में पेश हुए थे. विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने 50-50 हजार रुपये के निजी मुचलके पर आरोपियों को जमानत दे दी है.
राबड़ी देवी ने केंद्र और राज्य सरकार पर साधा निशना
जमानत मिलने के बाद बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी नेता राबड़ी देवी ने कहा कि जब भी चुनाव आने वाले होते हैं, केंद्र और राज्य सरकार जानबूझकर हमें परेशान करना शुरू कर देती है. कोर्ट जो भी कहेगा, हम मानेंगे. दरअसल 7 जून 2024 को सीबीआई ने नौकरी के लिए जमीन मामले में लालू प्रसाद यादव, राबडी देवी, तेजस्वी यादव, मीसा भारती, हेमा यादव और तेज प्रताप यादव के साथ 77 अन्य आरोपियों के खिलाफ अंतिम चार्जशीट दाखिल की थी.
लालू यादव और 77 अन्य आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट
जबकि 29 मई 2024 को कोर्ट ने सीबीआई को नौकरी के लिए जमीन मामले में अंतिम चार्जशीट दाखिल करने का निर्देश दिया था, कोर्ट ने समय दिए जाने के बावजूद अंतिम चार्जशीट दाखिल नहीं करने पर नाराजगी भी जताई थी. कोर्ट ने केंद्रीय जांच ब्यूरो के दायर अंतिम चार्जशीट समेत तीनों चार्जशीट पर संज्ञान लिया. पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव और 77 अन्य आरोपियों के खिलाफ अंतिम चार्जशीट दाखिल की गई है. चार्जशीट में आरोपियों में 30 सरकारी कर्मचारी और 38 उम्मीदवार शामिल हैं.
बता दें कि सीबीआई ने 18 मई 2022 को लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी, दो बेटियों और अज्ञात सरकारी अधिकारियों और कुछ निजी व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था. अब तक इस मामले में 30 आरोपियों के खिलाफ मंजूरी मिल चुकी है. इस चार्जशीट में बताया गया था कि लालू प्रसाद यादव ने 2004 से 2009 के बीच केंद्र की यूपीए सरकार रेल मंत्री रहते हुए ग्रेड फोर यानी निचले स्तर की नौकरियां देने के लिए लोगों से जमीन लिखवाई और प्रॉपर्टी ट्रांसफर कराई.
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