Expressway In Bihar: बिहार (Bihar) को रफ़्तार देने के लिए केंद्र और बिहार सरकार (Central and Bihar Government) मिलकर चार एक्सप्रेस-वे का निर्माण करने जा रही हैं. यह चारों एक्सप्रेस-वे (Expressway) जिस दिन बनकर तैयार होंगे तब बिहार में व्यावसायिक गतिविधियाँ (Business Activities) और तेज होंगी. विकास की गाड़ी भी आगे बढ़ेगी. एक्सप्रेस-वे बनने का मतलब है कि बिहार का इन्फ्रास्ट्रक्चर (Infrastructure) बनकर तैयार होगा. इसके बनने से दक्षिण बिहार ,नेपाल (Nepal) से सीधा जुड़ जायेगा. इस तरह से राज्य का पहला एक्सप्रेस वे औरंगाबाद-जयनगर होगा. आइये जानते हैं यह एक्सप्रेस-वे कहाँ से कहाँ तक और कब तक बनकर तैयार हो जायेगा.
कहां से कहां तकऔरंगाबाद के मदनपुर से शुरू होने वाला यह एक्सप्रेस-वे दरभंगा एयरपोर्ट के नजदीक से होते हुए जयनगर जाकर समाप्त होगा. यह एक्सप्रेस-वे कुल 8 जिलों से होकर गुजरेगा.
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सड़क की कुल लंबाई- किलोमीटरऔरंगाबाद से लेकर जयनगर तक जाने वाला यह एक्सप्रेस-वे 271 किलोमीटर लंबा होगा. यह सड़क 80 फीसदी ग्रीनफील्ड होगी और इसे फोरलेन का बनाया जायेगा. ग्रीनफील्ड का मतलब होता है 80 फीसदी एक्सप्रेस-वे नया बनाया जायेगा. एक्सप्रेस-वे का कार्य शुरू हो चुका है. इसे भारतमाला परियोजना (Bharatmala Project) के अंतर्गत विकसित किया जा रहा है.
कौन कौन से अहम शहर से गुजरेगाएक्सप्रेस-वे औरंगाबाद, गया, जहानाबाद, वैशाली, मधुबनी, पटना, नालंदा और दरभंगा से होकर गुजरेगा. इस सड़क से पटना का गया और दरभंगा एयरपोर्ट से सीधा संपर्क हो जायेगा. एक्सप्रेस-वे बनने से दक्षिण बिहार के लोगों का समय और पैसे दोनों की बचत होगी.
कितने रोजगार मिलेंगेएक अंदाज़े के मुताबिक एक्सप्रेस-वे बनने से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर लगभग 5 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा. टोल पर सरकारी और कॉन्ट्रैक्ट पर कर्मचारी रखे जाएंगे. साथ ही एक्सप्रेस-वे के किनारे नई दुकानें खुलेंगे. एक्सप्रेस-वे के किनारे ढाबे का व्यापार भी रोजगार का प्रमुख साधन है. एक्सप्रेस वे के आसपास के जिलों में सब्जियां खूब उगाई जाती हैं, इसको देखते हुए यहां फूड प्रोसेसिंग यूनिट भी लगाई जा सकती है.
सड़क का कुल खर्चऔरंगाबाद-जयनगर एक्सप्रेस-वे की अनुमानित लागत 7500 करोड़ रूपये है. साथ ही सरकार ने कहा है कि परियोजना पर पैसे की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी. एक्सप्रेस-वे को पूरा करने की जो समयसीमा रखी गई है यदि उस समयसीमा पर सड़क बन जाती है तो लागत इतनी ही रहेगी. वरना समयसीमा में आगे विस्तार होगा तो इसकी बनाने की लागत भी बढ़ेगी. हालांकि सरकार के सामने यह चुनौती है कि एक्सप्रेस-वे को समय सीमा के अंतर्गत पूरा कर लिया जाए.
अब तक कहां तक काम पहुंचा हैएक्सप्रेस-वे बनाने के लिए सबसे पहले जमीन अधिग्रहण का काम चल रहा है. उम्मीद है जमीन अधिग्रहण का काम जल्द पूरा कर लिया जाएगा.
कब तक काम पूरा होने की तारीख हैसरकार को एक्सप्रेस-वे बनाने में 30 महीने का समय लगेगा. सड़क का निर्माण केंद्रीय सड़क एवं राजमार्ग मंत्रालय के उपक्रम एनएचएआई (NHAI) करेगा. जमीन अधिग्रहण होने के बाद एक्सप्रेस-वे का कार्य शुरू कर दिया गया है.