पटना: गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी कृष्णैया की हत्या के मामले में जेल में बंद पूर्व सांसद आनंद (Anand Mohan) की रिहाई हो गई है. गुरुवार (27 अप्रैल) की सुबह 6.15 बजे उन्हें जेल से छोड़ा गया है. इस रिहाई को लेकर सियासी गलियारे में तरह-तरह की बातें हो रही हैं. वहीं दूसरी ओर अचानक जेल से इस तरह रिहाई को लेकर एक चौंकाने वाली बात भी सामने आई है. आनंद मोहन की बड़ी प्लानिंग थी लेकिन यह कामयाब नहीं हो सका. सूत्रों के अनुसार, आनंद मोहन की बड़ी तैयारी पर एक फोन कॉल ने पानी फेर दिया.


सूत्रों के अनुसार, जेल से बाहर आने के दौरान प्लान तैयार था कि कैसे क्या करना है. प्लानिंग थी कि आनंद मोहन का गाजे-बाजे के साथ स्वागत हो. इसके साथ ही वो जेल से बाहर निकलेंगे. सहरसा जेल से बाहर निकलने के बाद फिर समर्थकों के साथ खुली जीप पर सवार होकर जाएंगे. हालांकि ऐसा नहीं हो सका और प्लान फेल हो गया. इसके पीछे पटना का कनेक्शन बताया जा रहा है.


जेडीयू के नेता ने किया आनंद मोहन को फोन


सूत्रों के अनुसार, रिहाई से पहले आनंद मोहन को पटना से जेडीयू के एक बड़े नेता ने फोन किया था. जब आनंद मोहन को मना किया गया कि वे कुछ न करें तो उन्होंने यह भी कहा कि हमने जो तय किया उसे करने में क्या दिक्कत है. इसे क्यों रोकें? इस पर उन्हें पटना से कहा गया कि अभी आप शांत बैठिए. अभी ये सब करने की कोई जरूरत नहीं है. माना जा रहा है कि फोन करने वाला शख्स जानता है कि इसका क्या फायदा या नुकसान हो सकता है. जेडीयू नेता के कहने पर ही आनंद मोहन ने अपना पूरा प्लान बदल दिया.


इधर जेडीयू के प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा कि कानून के हिसाब से आनंद मोहन की रिहाई हुई है. गाजे-बाजे का इंतजाम किसने किया और क्यों किया इससे हमलोगों को क्या मतलब है. वहीं दूसरी ओर बीजेपी भी खुलकर नहीं बोल रही है. फूंक-फूंक कर बयान दिए जा रहे हैं. नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने कहा है कि बीजेपी अपराधी और भ्रष्टाचारी के पक्ष में कभी नहीं है. बीजेपी का स्टैंड क्लियर है. बीजेपी की ओर से यह भी बयान आया है कि आनंद मोहन के बहाने सरकार दुर्दांत अपराधियों को छोड़ रही है. 


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