बिहार विधानसभा आम निर्वाचन 2025 के मद्देनजर भारतीय निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने एक महत्वपूर्ण अधिसूचना जारी की है. इसमें एक्जिट पोल से जुड़ी नियमावली स्पष्ट की गई है. इसका मकसद मतदान के दौरान जनता की सोच और मतदान के परिणामों को प्रभावित किए बिना निष्पक्ष तरीके से चुनाव संपन्न कराना है.

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6 नवंबर से लेकर 11 नवंबर तक प्रतिबंध

निर्वाचन आयोग ने कहा है कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत 6 नवंबर को सुबह 7 बजे से लेकर 11 नवंबर की शाम 6:30 बजे तक किसी भी तरह के एक्जिट पोल आयोजित करना या उसके नतीजे मीडिया में प्रकाशित करना पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा. इसका मतलब यह है कि इस दौरान कोई भी समाचार चैनल, अखबार या वेबसाइट मतदाताओं के मतदान के आधार पर भविष्यवाणी नहीं दिखा सकते. 

ये नियम सिर्फ बिहार विधान सभा के चुनावों तक ही नहीं, बल्कि अन्य 7 राज्यों में होने वाले 8 उपनिर्वाचनों पर भी लागू होंगे. इसके अलावा अधिसूचना में यह भी कहा गया है कि मतदान की समाप्ति के समय से 48 घंटे की अवधि के दौरान किसी भी ओपिनियन पोल या अन्य मतदान सर्वेक्षण के परिणामों को इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में दिखाना निषेध है. यह नियम सभी मीडिया हाउस और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लागू है.

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क्यों बनाया गया है यह नियम?

आसान भाषा में कहें तो चुनाव के दौरान और मतदान खत्म होने के बाद 48 घंटे तक कोई भी चैनल, अखबार या सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म मतदाताओं के मतदान के आधार पर नतीजे दिखाने या फैलाने का काम नहीं कर सकता. आयोग का कहना है कि चुनाव से पहले या दौरान किसी भी तरह की भविष्यवाणी या परिणाम का प्रचार मतदाताओं की राय को प्रभावित कर सकता है, इसलिए इस तरह का सख्त नियम बनाया गया है.

निर्वाचन आयोग के इस अधिसूचना का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि मतदाता स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से अपने मत का प्रयोग कर सके. इसे ध्यान में रखते हुए सभी मीडिया चैनलों के लिए इन नियमों का पालन करना अनिवार्य है.

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