पटना: बिहार शिक्षा विभाग (Bihar Education Department) इन दिनों काफी चर्चा में है. अब राजभवन (Raj Bhavan) और शिक्षा विभाग आमने समाने है. राज्यपाल के प्रधान सचिव ने शिक्षा विभाग के सचिव को पत्र लिखकर विरोध जताया है. वीसी के वेतन रोक और विश्व विधायालय के अकाउंट के ऑपरेशन पर लगाए रोक को असंवैधानिक बताया. मामला बीआरए बिहार विश्वविद्यालय (BRA Bihar University), मुजफ्फरपुर का है. शिक्षा विभाग ने विश्वविद्यालय के खाते के संचालन पर रोक लगा दी थी. इस मामले में राजभवन के आदेश के बाद विश्वविद्यालय को बड़ी राहत मिली है.
शिक्षा विभाग को राजभवन ने दिया निर्देश
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक लगातार कार्रवाई कर रहे हैं. केके पाठक के कार्रवाई से विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. बिहार विश्वविद्यालय मुजफ्फरपुर मामले में केके पाठक को झटका लगा है. राजभवन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए शिक्षा विभाग के उस आदेश को लेकर निर्देश दिया है, जिसमें विभाग ने बीआरए बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर के तीन बैंक खातों के परिचालन पर रोक के साथ-साथ वीसी के वेतन पर भी रोक लगा दिया था. इस संबंध में राजभवन ने पत्र जारी कर शिक्षा विभाग को विशेष निर्देश दिया है.
'यह विश्वविद्यालय की स्वायत्तता पर हमला है'
राजभवन ने पत्र जारी कर कहा है कि राज्य सरकार बिहार राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम की धारा 54 के तहत, विश्वविद्यालयों का ऑडिट करने का अधिकार है लेकिन शक्तियां और बैंक खाते को लेकर मनमानी अधिकार क्षेत्र से परे है. ऐसा लगता है कि यह विश्वविद्यालय की स्वायत्तता पर हमला है. कुलाधिपति की शक्तियों का अतिक्रमण किया गया है. शिक्षा विभाग विश्वविद्यालय संबंधित आदेश को वापस ले और भविष्य में इस प्रकार के अनुचित कृत्यों से बचे. बता दें कि शिक्षा विभाग ने 17 अगस्त को बीआरए बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर के तीन बैंक खातों पर रोक के लिए पत्र जारी किया था.
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