लोकआस्था के महापर्व छठ की आज से शुरुआत हो गई है पहले दिन नहाय-खाय, दूसरे दिन खरना और तीसरे दिन शाम के समय सूर्यदेव को अर्घ्य दिया जाता है. इसके बाद 11 नवंबर को यानी चौथे दिन सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही छठ पर्व का समापन हो जाएगा. छठ पर्व पर छठी मैय्या और सूर्य देव के पूजन का विधान है.

छठ पूजा के दौरान आरती का है बहुत महत्व

चार दिन तक चलने वाला ये व्रत काफी कठिन होता है. इस व्रत में बिना कुछ खाए-पीए व्रत रखा जाता है. छठ की पूजा के समय आरती का भी बहुत महत्व है. इस दौरान छठी मैय्या की आरती की जाती है.दरअसल व्रत को तभी सफल माना जाता है जब व्रती श्रद्धा भाव के साथ छठी मैय्या की आरती करते हैं. चलिए यहां जानते हैं छठ पूजा के दौरान कौन सी आरती करनी चाहिए ताकि मैय्या का आशीर्वाद मिले.

छठ पूजा के दौरान जरूर करें ये आरती

 जय छठी मैया ऊ जे केरवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मंडराए.

मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।। जय।।

ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदिति होई ना सहाय.

ऊ जे नारियर जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मंडराए।। जय।।

मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए.

ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।। जय।।

अमरुदवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मंडरराए.

मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।।जय।।

ऊ जे सुहनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय.

शरीफवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मंडराए।। जय।।

मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए.

ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।।जय।।

ऊ जे सेववा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मंडराए.

मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।।जय।।

ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय.

सभे फलवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मंडराए।।जय।।

मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए.

ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।।जय।।

ये भी पढ़ें

Chhath Pooja 2021: छठी मैय्या को बहुत प्रिय हैं ये 6 फल, दौरा में इसे जरूर रखें

UP Gold-Silver Price Today: छठ पर बहुत महंगा हुआ सोना, चांदी सस्ती, जानें लखनऊ, कानुपर में क्या है गोल्ड का भाव