पटना: दो साल तक कोविड-19 में दुर्गा पूजा फीका-फीका रहा, लेकिन इस बार सब कुछ सामान्य होने के बाद पटना में दुर्गा पूजा की रौनक बढ़ गई है. हर जगह एक से बढ़कर एक पंडाल बनाए जा रहे हैं. बोरिंग रोड चौराहा पर समिति की ओर से कोलकाता का विक्टोरिया मेमोरियल पैलेस के तर्ज पर पंडाल का निर्माण किया जा रहा है. इस पंडाल की ऊंचाई 60 फीट होगी जबकि चौड़ाई 50 फीट होगी. हर बार लोग डाकबंगला के साथ-साथ बोरिंग रोड चौराहे के पंडाल को भी देखने के लिए आते हैं. यहां भी हर साल आकर्षक पंडाल बनाया जाता है.


बोरिंग रोड दुर्गा पूजा समिति के अध्यक्ष उमेश सिंह ने बताया कि कोरोना के कारण दो साल से बहुत ही सामान्य तरीके से पूजा की गई थी. इस बार लोगों में उत्साह है. पहले भी बोरिंग रोड चौराहा पर अलग तरह का पंडाल बनाया गया है. इसको देखते हुए इस बार कोलकाता के विक्टोरिया मेमोरियल पैलेस के तर्ज पर पंडाल का निर्माण हो रहा है. इस पंडाल की लागत लगभग पांच लाख रुपये आएगी. झारखंड के मधुपुर से आए सात कारीगर मिलकर इस पंडाल का निर्माण कर रहे हैं. 30 सितंबर तक बनकर तैयार हो जाएगा.



वैष्णो देवी की तरह बनाई जा रही प्रतिमा


उमेश सिंह ने बताया कि यहां की मूर्ति इस बार वैष्णो देवी के तर्ज पर बन रही है. साथ में भैरवनाथ का पिंड भी तैयार किया जा रहा है. मूर्ति बनाने के कोलकाता से पांच कारीगर आए हैं. एक ही फ्रेम में मां दुर्गा की मूर्ति होगी जो 12 फीट लंबी होगी. प्रतिमा बनाने में कुल डेढ़ लाख रुपये खर्च हो रहे हैं.


पटना में पहली बार पिक्सल लाइटिंग


उमेश सिंह ने कहा कि इस बार पटना में पहली बार पिक्सल लाइटिंग दिखेगी. सिर्फ बोरिंग रोड में पिक्सल लाइटिंग से सजावट होने वाली है. लगभग एक किलोमीटर तक के दायरे में यह लाइटिंग की जा रही है. इलेक्ट्रॉनिक गेट बनाए जा रहे हैं. लाइटिंग का सारा काम कोलकाता के कारीगर कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि तीन दिनों तक अलग-अलग तरह के प्रसाद का वितरण होगा.


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